चंडीगढ़, 28 मई (भाषा) यमुना नदी के पुनरुद्धार और प्रदूषण नियंत्रण पहल को मजबूत करने के ठोस प्रयास के तहत, हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने यमुना जलग्रहण क्षेत्र में परियोजनाओं की प्रगति का आकलन करने के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बुधवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
मुख्य सचिव ने कठोर निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया और अधिकारियों को समय पर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए सभी मलजल शोधन संयंत्र (एसटीपी) और सामूहिक अपशिष्ट जलशोधन संयंत्र (सीईटीपी) परियोजनाओं की स्थिति की हर दो सप्ताह में समीक्षा करने का निर्देश दिया।
प्रदूषण नियंत्रण उपायों को मजबूत करने के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
उद्योग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, एचएसवीपी, एफएमडीए और जीएमडीए सहित प्रमुख विभागों के प्रतिनिधियों वाली यह टास्क फोर्स प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए अतिरिक्त रणनीति सुझाएगी।
बयान में कहा गया है कि एचएसपीसीबी के सदस्य सचिव टास्क फोर्स के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे।
बैठक के दौरान यमुना जलग्रहण क्षेत्र में हरियाणा के सुव्यवस्थित मलजल शोधन ढांचे पर भी चर्चा की गई।
बयान में कहा गया है कि मलजल शोधन क्षमताओं को और बढ़ाने के लिए राज्य सक्रिय रूप से कई पहल कर रहा है।
बैठक में औद्योगिक अपशिष्ट शोधन के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
भाषा
शुभम सुरेश
सुरेश