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Thursday, June 26, 2025

मुख्यमंत्रीजी बिजली कटौती के चलते लोगों की सगाई टूट रही है! चैलेंज देना छोड़िए, चुनौती से निपटिये

OP-EDमुख्यमंत्रीजी बिजली कटौती के चलते लोगों की सगाई टूट रही है! चैलेंज देना छोड़िए, चुनौती से निपटिये

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व सीएम अशोक गहलोत बिजली कटौती पर आमने- सामने हैं. गहलोत राज में बिजली संकट कम नहीं था, वहीं वर्तमान सरकार में भी समाधान नहीं मिल. भीषण गर्मी में हांफते विद्युत तंत्र ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं. प्रदेश में एक दिन में बिजली खपत रिकॉर्ड 38.55 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई हैं. जबकि डिमांड पूरी नहीं होने के चलते प्रदेशभर में कटौती के मामले सामने आ रहे हैं.

भाजपा सरकार बिजली व्यवस्था में पूरी तरह विफल रही है. साल 2018 में प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता 11,000 मेगावाट थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने 2023 तक इसे बढ़ाकर 37,000 मेगावाट कर दिया. इसके बावजूद भाजपा जनता को लगातार बिजली कटौती और महंगे बिल दे रही है. टोंक का उदाहरण देखिए, यहां बिजली कटौती के चलते एक लड़की का रिश्ता तय होते- होते टूट गया. लगातार 18 घंटे से अधिक समय तक बिजली आपूर्ति बाधित रहने के कारण युवती की सगाई नहीं हो सकी और दूल्हे पक्ष ने बिजली नहीं होने के चलते कार्यक्रम में आने से मना कर दिया. मामला शहर के कालीपल्टन इलाके, सब्जी मंडी रोड स्थित पानी की टंकी के पास रहने वाले रमेश महावर के परिवार का है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, रमेश की 21 वर्षीय बेटी शांति की सगाई टोंक के ही अस्तल रोड निवासी जितेंद्र महावर से तय थी. सगाई का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजे का निकाला गया था. परिवार ने सभी तैयारियां कर ली थीं, घर में टेंट लगा दिया गया, डीजे मंगवाया गया, मेहमानों के लिए खाना तैयार किया गया, उपहार और कपड़े खरीदे गए लेकिन तड़के करीब 4:30 बजे से क्षेत्र की बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई.

मेंहदीपुर बालाजी में विधायक के आश्वासन के बाद खत्म हुआ धरना

24 जून को मेहंदीपुर बालाजी में व्यापारी और ग्रामीण धरने पर बैठ गए. उनका आरोप है कि वे पिछले 6 महीनों से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. प्रशासन के उच्चाधिकारी से भी मिले चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है. विधायक के आश्वासन के बाद व्यापारी और ग्रामीण धरना खत्म करने पर राजी हुए. दरअसल, पीक समय के चार घंटे (रात 8 से 12 बजे तक) में 700 से 900 मेगावाट तक बिजली की कमी से जूझना पड़ रहा है. इसकी पूर्ति के लिए ऊर्जा विकास निगम को फिर एक्सचेंज से दस रुपए यूनिट तक महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. इसके बावजूद भीषण गर्मी में लोगों के पसीने छूट रहे हैं. कई जगह तो अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. कॉल सेंटर की सांस फूल गई है. यहां जितनी शिकायत दर्ज हो रही है, उससे कई गुना ज्यादा लोगों का तो कॉल कनेक्ट ही नहीं हो पा रहा है.

सूरतगढ़ में भी पिछले महीने हुआ था आंदोलन

पिछले महीने सूरतगढ़ शहर सहित ग्रामीण इलाकों में भीषण गर्मी के इस दौर में बार-बार बिजली कटौती के विरोध में कांग्रेस ने अपनी पूर्व घोषणा के अनुसार डिस्कॉम के एक्सईएन कार्यालय का सोमवार को घेराव कर धरना दिया. हालात अमूमन पूरे प्रदेश के एक जैसे हैं. बांसवाड़ा जैसे शहरों में रिहायशी कॉलोनी में ट्रिपिंग की समस्या सामने आ रही है. बिजली दिन में कई बार गुल होने के चलते 40 डिग्री पारे और उमस में लोग बेहाल हैं.

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