नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने चार पुलिस अधिकारियों पर कथित रूप से हमला करने के मामले में तीन आरोपियों को दो सप्ताह के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। अदालत ने साथ ही कहा कि यह मामला अराजकता और ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मियों पर खुलेआम हमले की परेशान करने वाली तस्वीर पेश करता है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट निधि सिंह दिल्ली पुलिस की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थीं जिसमें तीन आरोपियों मनीष नागर, शशिकांत शर्मा और तुषार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया गया था।
अदालत ने अभियोजन पक्ष के इस कथन पर गौर किया कि 23 मई को, ‘ग्रीन पार्क मार्केट में एक महिंद्रा थार कार सवार आरोपी और उसके साथियों ने एक महिला की स्कोडा कार का रास्ता रोका जिससे यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई।’’
अदालत के 25 मई के आदेश में कहा गया कि जब हेड कांस्टेबल अनुज तोमर और कांस्टेबल मोहन लाल सहित पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर व्यवस्था बहाल करने के लिए हस्तक्षेप किया और आरोपियों से सार्वजनिक मार्ग खाली करने का अनुरोध किया, तो उन्होंने घोर अवज्ञा की।
अदालत ने कहा, ‘‘स्थिति कथित तौर पर तब बिगड़ गई जब अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे सहायक उप निरीक्षक उमेश और हेड कांस्टेबल परवीन पर आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला किया। साथ ही सहायक उप निरीक्षक उमेश की पुलिस वर्दी फाड़ दी गई।’’
अदालत ने कहा कि आरोपियों ने पुलिस थाने ले जाए जाते समय पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया था, तथा यह ‘‘प्राधिकार की निरंतर और लगातार अवहेलना’’ तथा कानून प्रवर्तन के विरुद्ध हिंसा दर्शाता है।
अदालत ने सार्वजनिक कर्तव्य निभा रहे पुलिस अधिकारियों पर हमले, सार्वजनिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने से संबंधित आरोपों की गंभीर प्रकृति, जांच अभी भी प्रारंभिक चरण में होने तथा तीन सह-आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार नहीं किए जाने पर गौर किया।
मामले में सफदरजंग एन्क्लेव पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
भाषा शोभना वैभव
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