पुरी, 25 जून (भाषा) समुद्र तटीय तीर्थ नगरी पुरी में 27 जून को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए करीब 10 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किये गये हैं। पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, निगरानी के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर 250 से अधिक कत्रिम मेधा (एआई) युक्त कैमरे लगाए गए हैं ।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र बलों सहित सुरक्षाकर्मियों ने भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की एक झलक पाने के लिए देश-विदेश से शहर में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने तथा खुद को तैयार करने के लिए बुधवार को एक रिहर्सल में भाग लिया।
रथयात्रा के दौरान देवताओं को साल में एक बार 12 वीं सदी में निर्मित इस मंदिर से बाहर लाया जाता है। भगवान के दर्शन के लिए इस मंदिर में पूरे साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस साल की रथयात्रा का आयोजन हो रहा है इसलिए विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाई बी खुरानिया ने इस वृहद महोत्सव के लिए किए गए सुरक्षा इंतजामों को अंतिम रूप देने के बाद कहा, ‘‘पुरी में पहली बार एक एकीकृत कमान और नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। उत्तरा चक और पुरी शहर के बीच तथा पुरी और कोणार्क के बीच मार्ग पर लगभग 275 एआई-सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों से लाइव विजुअल की चौबीसों घंटे निगरानी की जाएगी।’’
खुरानिया ने कहा कि एआई संचालित निगरानी प्रणाली यातायात की गतिविधियों, भीड़ की बढ़ती संख्या पर नजर रखेगी और सुरक्षाकर्मियों को तत्काल निर्णय लेने और किसी भी आपात स्थिति का सामना करने में मदद करेगी।
डीजीपी ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर उप-नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किए गए हैं।
प्रदेश पुलिस प्रमुख ने कहा खतरे के आकलन के बाद पहली बार इमारतों की छतों पर एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) के निशानेबाज (स्नाइपर्स) भी तैनात किए गए हैं, जबकि हवाई निगरानी के लिए ड्रोन रोधी तकनीक और पुलिस संचालित ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तोड़फोड़ रोधी टीमें, बम निरोधक दस्ते और श्वान दस्तों को भी तैनात किए गया गया है।
त्योहार के लिए तैनात किए गए 10,000 सुरक्षाकर्मियों में ओडिशा पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की आठ कंपनियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि समुद्र के किनारे पूरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओडिशा की मरीन पुलिस, तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना की तैनाती की गई है।
खुरानिया ने कहा कि आगंतुकों को पार्किंग की उपलब्धता, रूट मैप और खाली पार्किंग स्थलों की जानकारी देने में सहायता के लिए एक रियल-टाइम चैटबॉट एप्लिकेशन भी लॉन्च किया गया है।
त्योहार के पहले और दूसरे दिन करीब 15 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद करते हुए डीजीपी खुरानिया ने जोर देकर कहा कि भक्तों की उचित सेवा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। रथ यात्रा की ड्यूटी के लिए अनुभवी पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया है।’’
खुफिया निदेशक आर पी कोचे ने बताया कि चूंकि श्री जगन्नाथ मंदिर उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र में स्थित है, इसलिए रथयात्रा के दौरान इसका महत्व काफी बढ़ जाता है।
कोचे ने बताया कि इसके अलावा श्री गुंडिचा मंदिर और तीनों रथों के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आधुनिकीकरण) सौमेंद्र प्रियदर्शी ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए समुचित व्यवस्था की गई है।
एडीजी (कानून व्यवस्था) संजय कुमार ने बताया कि रथ यात्रा को व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों/कर्मचारियों का सहयोग जरूरी है। श्री जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून को शुरू होगी और आठ जुलाई को भगवान की वापसी के साथ समाप्त होगी।
भाषा रंजन पवनेश
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