मुंबई, 25 जून (भाषा) वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच अर्थव्यवस्था से जुड़े विभिन्न आंकड़े भारत में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बुलेटिन में बुधवार को यह बात कही गई।
आरबीआई के जून बुलेटिन में प्रकाशित ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक वाले लेख में कहा गया कि व्यापार नीति अनिश्चितताओं और भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि के दोहरे झटके के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था उथल-पुथल की स्थिति में है।
इसमें कहा गया, ‘‘ बढ़ी हुई वैश्विक अनिश्चितता की इस स्थिति में मई, 2025 के लिए विभिन्न उच्च आवृत्ति संकेतक भारत में औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधियों की ओर इशारा करते हैं।’’
लेख में कहा गया कि 2024-25 के दौरान कृषि में अधिकतर प्रमुख फसलों के उत्पादन में व्यापक वृद्धि देखी गई है। साथ ही, घरेलू मूल्य स्थिति भी अनुकूल बनी हुई है। मई में लगातार चौथे महीने कुल मुद्रास्फीति लक्ष्य से नीचे रही।
‘कुल मुद्रास्फीति’ में ऊर्जा और खाद्य वस्तुओं का मूल्य प्रभाव शामिल होता है।
इसमें कहा गया कि वित्तीय परिस्थितियां भी ब्याज दरों में कटौती का लाभ ऋण बाजार तक प्रभावी तरीके से पहुंचाने के लिए अनुकूल बनी हुई हैं।
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बुलेटिन में प्रकाशित लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
भाषा निहारिका अजय
अजय