नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने चेन्नई की एक झील में प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) के क्षेत्रीय कार्यालय और अन्य से जवाब मांगा है।
एनजीटी ने चेन्नई में वेलाचेरी 100 फुट रोड पर पेरुमल कोइल स्ट्रीट के पास स्थित एक झील से संबंधित मुद्दे पर एक अखबार की खबर का स्वतः संज्ञान लिया था।
खबर में बताया गया था कि जलाशय मच्छरों के प्रजनन स्थल में बदल गया है।
न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल की पीठ ने पांच जून को कहा, ‘इस लेख में उल्लेख है कि लगभग 50 घरों और आसपास के इलाके के लोग दुर्गंध के बीच रह रहे हैं और निवासी इस स्थिति के लिए ‘चेन्नई महानगर जलापूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड’ को दोषी ठहरा रहे हैं।’
पीठ ने कहा कि खबर में निवासियों के हवाले से दावा किया गया है कि जलाशय के अंदर बिछाई गई सीवेज पाइपलाइनों के बंद होने के कारण बदबू आ रही है।
न्यायाधिकरण ने कहा कि यह घटना पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, नगर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम और जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत आती है।
न्यायाधिकरण ने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, चेन्नई महानगर जलापूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड तथा ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के आयुक्त को पक्षकार या प्रतिवादी बनाया है।
न्यायाधिकरण ने कहा, ‘प्रतिवादियों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।’
न्यायाधिकरण ने मामले को कार्यवाही के लिए चेन्नई स्थित दक्षिणी क्षेत्रीय पीठ के समक्ष सात अगस्त के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
भाषा योगेश माधव
माधव