नयी दिल्ली, 25 जून (भाषा) रेटिंग एजेंसी इक्रा ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।
एजेंसी ने अनुमान जताया है कि मानसून अच्छा रहेगा और कच्चे तेल की कीमतें औसतन 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहेंगी।
हालांकि, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव, वित्तीय बाजारों में अस्थिरता और अनिश्चित व्यापार नीतियों के कारण इस वृद्धि परिदृश्य में नकारात्मक जोखिम पैदा हो रहे हैं। इक्रा ने बुधवार को जारी अपने ‘मैक्रो अपडेट जून-2025’ में यह जानकारी दी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
रिपोर्ट के अनुसार, “चालू वित्त वर्ष के पहले दो माह में आर्थिक गतिविधियों में मिला-जुला रुख देखने को मिला है। इसमें 17 गैर-कृषि संकेतकों में से केवल नौ में पिछले वित्त वर्ष (2024-25) की जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में सुधार दिखाई दे रहा है। हालांकि, ग्रीष्मकालीन फसलों का उत्पादन अच्छी गति से बढ़ने का अनुमान है।”
मई, 2025 में मानसून के जल्दी आने से बिजली और खनन क्षेत्रों के प्रदर्शन पर आंशिक रूप से असर पड़ा।
इसने कहा कि आयकर राहत, ब्याज दरों में कटौती और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के कारण शहरी उपभोग की संभावनाएं उज्ज्वल बनी हुई हैं।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हालांकि, पश्चिम एशिया में भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता और शुल्क नीतियों को लेकर अनिश्चितता के कारण वैश्विक जोखिम ऊंचा बना हुआ है, जिससे घरेलू वृद्धि में बाधा उत्पन्न हो रही है।
रिपोर्ट कहती है कि चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि, इसके नीचे की ओर जाने का जोखिम बढ़ गया है।
इसमें कहा गया है कि अनुकूल मानसून पूर्वानुमान और खाद्य मुद्रास्फीति में संभावित गिरावट के कारण, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले वित्त वर्ष के 4.6 प्रतिशत से घटकर चालू वित्त वर्ष में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के 3.7 प्रतिशत के अनुमान से कम है।
भाषा अनुराग अजय
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