नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने भारत में हरित हाइड्रोजन आधारित एकीकृत बिजली समाधान विकसित करने के लिए बेंगलुरु स्थित ओहमियम इंटरनेशनल के साथ समझौता किया है। टोयोटा किर्लोस्कर ने बुधवार को यह जानकारी दी।
दोनों कंपनियों ने इसके लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत वे एकीकृत, हरित हाइड्रोजन-चालित ऊर्जा समाधान जैसे कि माइक्रोग्रिड की व्यवहार्यता का पता लगाएंगे, जिसे डेटा केंद्रों, पर्यावरणीय प्रतिबंधों के प्रति संवेदनशील दूरदराज के स्थानों जैसे विविध उपयोग मामलों में लागू किया जा सकता है।
सहयोग के तहत, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) तकनीकी विशेषज्ञता, तंत्र एकीकरण सहायता प्रदान करेगी और ईंधन सेल मॉड्यूल की आपूर्ति करेगी। ओहमियम माइक्रोग्रिड समाधान प्रोटोटाइप के डिजायन, विकास और प्रदर्शन मूल्यांकन का नेतृत्व करेगी।
टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उप प्रबंध निदेशक स्वप्नेश आर मारू ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम हाइड्रोजन, विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन के उपयोग को ईंधन स्रोत के रूप में उन क्षेत्रों के लिए तलाशना चाहेंगे जो परिवहन से परे हैं। यह स्थिर बिजली उत्पादन, ग्रामीण बिजली, औद्योगिक कार्यालय या स्थानों के लिए हो सकता है।”
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन माना जाता है, जो आत्मनिर्भर और कार्बन-निरपेक्ष भारत के निर्माण की कुंजी है।
ओहमियम इंटरनेशनल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और सह-संस्थापक अर्ने बैलेंटाइन ने कहा, “यह सहयोग भारत की ऊर्जा सुरक्षा में हाइड्रोजन की पूरी क्षमता को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भाषा अनुराग अजय
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