( डेटलाइन में तारीख सुधारते हुए रिपीट )
(तस्वीरों के साथ)
अहमदाबाद, 27 जून (भाषा) भगवान जगन्नाथ की 148वीं रथयात्रा शुक्रवार सुबह अहमदाबाद में शुरू हुई, जिसमें हजारों श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए उमड़े।
भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार खलासी समुदाय ने शहर के जमालपुर क्षेत्र में स्थित जगन्नाथ मंदिर से बाहर निकाला।
तीन रथों की भव्य शोभायात्रा 400 वर्ष पुराने मंदिर से शुरू हुई और पुराने शहर से होते हुए इसके रात आठ बजे तक लौटने की उम्मीद है। यह यात्रा जिन इलाकों से गुजरेगी, उनमें कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र भी शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके परिवार के सदस्यों ने जगन्नाथ मंदिर में सुबह पूजा में भाग लिया, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ‘पहिंद विधि’ की, जो सोने की झाडू से सड़कों की प्रतीकात्मक सफाई की एक पारंपरिक रस्म है।
शोभायात्रा में आमतौर पर 18 हाथी, 100 ट्रक, ‘भान-मंडली’ (भक्ति समूह) और 30 अखाड़े (स्थानीय व्यायामशालाएं) शामिल होते हैं। यह शोभायात्रा आज 16 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। कई ट्रकों को अलग-अलग थीम पर झांकियों के रूप में सजाया गया है।
पूरे दिन भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहन के दर्शन के लिए मार्ग के दोनों ओर लाखों श्रद्धालुओं के एकत्र होने की उम्मीद है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने शोभायात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।
वार्षिक रथयात्रा की सुरक्षा के लिए शहर में लगभग 23,800 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। इस रथयात्रा में 14-15 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, भगदड़ जैसी स्थितियों को रोकने के लिए पहली बार कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित निगरानी प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
इसमें कहा गया है कि एआई आधारित प्रणाली मार्ग में आग लगने की स्थिति में पुलिस और अग्निशमन विभाग को सूचित करेगी। इसके अलावा यह किसी विशेष क्षेत्र में बहुत अधिक लोगों के एकत्र होने पर पुलिस नियंत्रण कक्ष को भी सूचित करेगी।
अधिकारियों ने बताया कि पूरे 16 किलोमीटर के मार्ग पर शोभायात्रा के साथ करीब 4,500 सुरक्षाकर्मी चलेंगे, जबकि यातायात प्रबंधन के लिए 1,931 कर्मियों को तैनात किया जाएगा। कई सड़कें सामान्य यातायात के लिए बंद रहेंगी।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्ष से जुड़े 2,872 ‘बॉडी-वॉर्न’ कैमरों, 41 ड्रोन और विभिन्न स्थानों पर लगाए गए 96 कैमरों और 25 निगरानी टावरों का उपयोग करके रथ यात्रा पर नजर रखेंगे।
भाषा
गोला मनीषा
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