दीघा (पश्चिम बंगाल), 27 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल के दीघा में नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर के सामने भगवान जगन्नाथ और उनके दोनों भाई-बहनों की मूर्तियों को रथ में स्थापित कर दिया गया, जहां से शुक्रवार को कुछ घंटों बाद रथ यात्रा शुरू होगी।
एक अधिकारी ने बताया कि रथ यात्रा की सभी तैयारियां जोरों पर हैं और प्रशासन ने आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न कराने की पूरी व्यवस्था कर ली है।
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को मंदिर द्वार के समीप रखे रथों में प्रतिस्थापित किया गया, जहां उन्हें मौसी के घर जाने की वार्षिक यात्रा के लिए सजाया जा रहा है।’’
अधिकारियों के अनुसार, तीनों रथ अपराह्न करीब ढाई बजे मंदिर से निकलेंगे और यात्रा चार बजे तक पूरी हो जाएगी।
दास ने बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, मंदिर के पुजारियों और अन्य लोगों के साथ पर्व से जुड़े रीति-रिवाजों में भाग लेंगी।
नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर से शुक्रवार को निकलने वाली भव्य रथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को एक किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग के किनारे बैरिकेड के पीछे खड़ा रहना होगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि श्रद्धालुओं को रथों की रस्सी खींचने की अनुमति नहीं होगी।
हजारों श्रद्धालु दीघा पहुंच चुके हैं और स्पीकर पर लगातार भक्ति संगीत बज रहा है।
दास ने बताया कि 50 देशों से श्रद्धालु दीघा पहुंच चुके हैं और भगवान के ‘भोग’ की तैयारी में हांथ बटा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘रूस, यूक्रेन, अमेरिका, जर्मनी और चीन सहित 50 देशों से श्रद्धालु यहां आए हैं। उन्होंने भगवान को अपना विशेष शाकाहारी व्यंजन अर्पित किया हैं।’’
पुरी के जगन्नाथ धाम के विपरीत, दीघा के इस मंदिर में विदेशी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर कोई रोक नहीं है।
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राखी वैभव
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