आइजोल, 27 जून (भाषा) मिजोरम सरकार म्यांमा के उन शरणार्थियों के पहचान पत्र जब्त करने पर विचार कर रही है, जो बार-बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर म्यांमा और मिज़ोरम के बीच आवाजाही करते हैं। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
बृहस्पतिवार को आइजोल में विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव सुरिंदर भगत के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि कई शरणार्थी कानून का पालन करते हैं, जबकि कुछ शरणार्थी म्यांमा में संकट का फायदा उठाकर बार-बार सीमा पार कर म्यांमा जाते हैं और फिर मिज़ोरम लौट आते हैं।’
अधिकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे शरणार्थी अक्सर देश के कानूनों का उल्लंघन करते हैं और राज्य सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
अधिकारी ने मुख्यमंत्री लालदुहोमा के हवाले से कहा, ‘मिजोरम सरकार उन शरणार्थियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी, जो अनुशासनहीन हैं और बार-बार कानूनों का उल्लंघन करते हैं। हम उन शरणार्थियों से म्यांमा के पहचान पत्र जब्त करने के बारे में विचार कर रहे हैं, जो मिजोरम में रहते हुए बार-बार अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करते हैं।’
मुख्यमंत्री ने भगत को मिजोरम में शरण लेने वाले म्यांमा के शरणार्थियों के ‘बायोमेट्रिक’ विवरण एकत्र करने की राज्य सरकार की योजना के बारे में भी जानकारी दी।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार जुलाई में म्यांमा के शरणार्थियों का बायोमेट्रिक पंजीकरण शुरू कर सकती है।
भाषा
योगेश दिलीप
दिलीप