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Sunday, July 6, 2025

थरूर ने ‘कट्टरपंथियों’ की आलोचना की, वह केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध की बात कर रहे थे

Newsथरूर ने 'कट्टरपंथियों' की आलोचना की, वह केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध की बात कर रहे थे

(तस्वीरों के साथ)

पनामा सिटी/नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेताओं की आलोचना का सामना कर रहे पार्टी नेता शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि जो “कट्टरपंथी” नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता की उनकी समझ पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि वह “स्पष्ट रूप से” केवल आतंकी हमलों के जवाब में की गई कार्रवाइयों की बात कर रहे थे, न कि पहले हुए युद्धों की।

थरूर ने यह भी कहा कि आलोचकों और ट्रोल का उनके विचारों और शब्दों को अपनी इच्छानुसार “तोड़-मरोड़ कर” पेश करने के लिये स्वागत है और उनके पास “वास्तव में करने के लिए बेहतर चीजें” हैं।

थरूर ने कहा कि उनकी टिप्पणी से पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का जिक्र किया गया था, जिनके दौरान भारत की पिछली प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति सम्मान के कारण संयमित और सीमित थीं।

पांच देशों में भारत का रुख स्पष्ट करने के लिये सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस नेता ने यहां कथित तौर पर कहा कि भारत ने पहली बार आतंकवादी ठिकानों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था।

कांग्रेस ने इस टिप्पणी को लेकर उन पर निशाना साधा और पार्टी सहयोगी उदित राज ने कहा कि उन्हें ‘‘भाजपा का सुपर प्रवक्ता’’ बना दिया जाना चाहिए।

आलोचना का जवाब देते हुए थरूर ने कहा, “पनामा में एक लंबे और सफल दिन के बाद, मुझे आधी रात को यहां का दौरा संपन्न कर छह घंटे बाद बोगोटा, कोलंबिया के लिए रवाना होना है, इसलिए मेरे पास वास्तव में इसके लिए समय नहीं है। लेकिन फिर भी: ‘‘उन कट्टरपंथियों के लिए जो अतीत में नियंत्रण रेखा के पार भारतीय वीरता के बारे में मेरी कथित अज्ञानता पर चिल्ला रहे हैं- 1. मैं स्पष्ट रूप से केवल आतंकवादी हमलों के प्रतिशोध के बारे में बोल रहा था, न कि पिछले युद्धों के बारे में।”

थरूर ने कहा, “मेरी टिप्पणियों में पहले हाल के वर्षों में हुए कई हमलों का उल्लेख किया गया था, जिनके दौरान पिछली भारतीय प्रतिक्रियाएं नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा के प्रति हमारे जिम्मेदारीपूर्ण सम्मान के कारण संयमित और सीमित थीं।”

उन्होंने कहा, “लेकिन हमेशा की तरह, आलोचकों और ट्रोल का मेरे विचारों और शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का स्वागत है। मेरे पास करने के लिए वास्तव में बेहतर काम हैं। शुभ रात्रि।”

कांग्रेस ने थरूर पर बृहस्पतिवार को भी हमला जारी रखा। राज ने कहा कि सांसद ने जो कहा वह “झूठ है और कांग्रेस को नष्ट करने की साजिश है”।

राज ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, “जो प्रतिनिधिमंडल भेजे गए हैं, वे कांग्रेस का नाम खराब करने की कोशिश कर रहे हैं… शशि थरूर का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व से पहले, हमने कभी पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा या किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा को पार नहीं किया। यह एक बहुत बड़ा झूठ है और कांग्रेस के इतिहास को नष्ट करने की एक बड़ी साजिश है जिसका जवाब दिया जाना जरूरी है।”

उन्होंने कहा, “उन्हें कांग्रेस पार्टी की आलोचना करने के बजाय अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए…कांग्रेस ने अतीत में आवश्यक कदम उठाए, लेकिन कभी इसका प्रचार नहीं किया और न ही इसे अपने पक्ष में वोट जुटाने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया।”

राज की टिप्पणी वाली पोस्ट को कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर रिपोस्ट किया।

थरूर पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने थरूर की पुस्तक ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ का एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें उन्होंने 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक का कथित रूप से राजनीतिक फायदा उठाने के वास्ते मोदी सरकार की आलोचना की थी।

खेड़ा ने कहा, “मैं डॉ. शशि थरूर से सहमत हूं जिन्होंने 2018 में अपनी पुस्तक – ‘द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर’ में सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में लिखा था।”

थरूर ने अपनी किताब में लिखा था, “पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक और म्यांमा में विद्रोहियों की तलाश में की गई सैन्य छापेमारी का पार्टी चुनाव के हथियार के रूप में बेशर्मी से दोहन – ऐसा कुछ जो कांग्रेस ने पहले भी कई ऐसे हमलों को अधिकृत करने के बावजूद कभी नहीं किया था – इस सिद्धांत को विशेष रूप से शर्मनाक तरीके से कमजोर करने का संकेत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों में विवेक और दलगत भावना से ऊपर उठने, दोनों की आवश्यकता होती है।”

सर्जिकल स्ट्राइक पर थरूर की टिप्पणी को लेकर राज ने बुधवार को‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘प्रिय शशि थरूर, अफसोस! मैं प्रधानमंत्री मोदी से कह सकता हूं कि वह आपको भाजपा का मुख्य प्रवक्ता घोषित कर दें, यहां तक ​​कि भारत लौटने से पहले आपको विदेश मंत्री भी घोषित कर दें। आप यह कहकर कांग्रेस के स्वर्णिम इतिहास को बदनाम कैसे कर सकते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी से पहले भारत ने कभी भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं की।’’

उन्होंने कहा, “1965 में भारतीय सेना ने कई स्थानों पर पाकिस्तान में प्रवेश किया, जिसने लाहौर सेक्टर में पाकिस्तानियों को पूरी तरह से चौंका दिया था। 1971 में भारत ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान कई ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ की गईं, लेकिन इसको राजनीतिक रूप से भुनाने के लिए ढोल नहीं पीटा गया।”

उदित राज ने कहा, ‘‘जिस पार्टी ने आपको इतना कुछ दिया, उसके प्रति आप इतने बेईमान कैसे हो सकते हैं?’’

एक्स पर राज की पोस्ट को कांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने भी रीपोस्ट किया।

थरूर पर कटाक्ष करते हुए खेड़ा ने एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें 4 सिख रेजिमेंट के अधिकारी लाहौर जिले के बुर्की में एक कब्जे वाले पाकिस्तानी पुलिस थाने के बाहर खड़े दिखाई दे रहे हैं।

खेड़ा ने कहा था, “यह तस्वीर बुर्की की लड़ाई (जिसे लाहौर की लड़ाई, 1965 के नाम से भी जाना जाता है) से ली गई है, जो 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान एक महत्वपूर्ण लड़ाई थी, जो भारतीय थल सेना इकाइयों और पाकिस्तानी बख्तरबंद बलों के बीच लड़ी गई थी।”

खेड़ा ने पोस्ट किया, “बुर्की लाहौर के दक्षिण-पूर्व में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित एक गांव है, जो लाहौर के अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लगभग 11 किमी दूर है, जो बम्बावली-रावि-बेदियन (बीआरबी) नहर पर एक पुल द्वारा शहर से जुड़ा हुआ है। शशि थरूर।”

एक अन्य पोस्ट में खेड़ा ने एक मीडिया रिपोर्ट जारी की थी जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हवाले से कहा गया था कि भारत ने संप्रग शासन के दौरान कई सर्जिकल स्ट्राइक किए थे।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

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