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Saturday, June 28, 2025

घरों की बिक्री बढ़ाने के लिए ब्याज दर को छह प्रतिशत पर लाने की जरूरत: नारेडको अध्यक्ष

Newsघरों की बिक्री बढ़ाने के लिए ब्याज दर को छह प्रतिशत पर लाने की जरूरत: नारेडको अध्यक्ष

नयी दिल्ली, 27 जून (भाषा) देश के सात अग्रणी शहरों में साल की पहली छमाही में घरों की बिक्री घटने के बीच रियल एस्टेट कंपनियों के निकाय नारेडको ने शुक्रवार को आवास ऋण पर ब्याज दर को घटाकर छह प्रतिशत के करीब लाने का सुझाव दिया।

नारेडको के अध्यक्ष जी हरि बाबू ने आवास बिक्री में आई गिरावट के लिए घरों की आपूर्ति में वृद्धि, आवासीय संपत्तियों की कीमतों में तेज वृद्धि और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं को जिम्मेदार ठहराया।

रियल एस्टेट डेटा विश्लेषक फर्म प्रॉपइक्विटी ने नौ प्रमुख शहरों में अप्रैल-जून तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में 19 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 23 प्रतिशत की गिरावट आने की सूचना दी है।

बिक्री में आई गिरावट की वजह के बारे में पूछे जाने पर नारेडको अध्यक्ष ने कहा, ‘पिछले तीन वर्षों में घरों की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होने से संभावित ग्राहकों की घर खरीदने की क्षमता प्रभावित हुई है।’

हरि बाबू ने संगठन की महिला इकाई ‘नारेडको-माही’ द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि लोगों का वेतन इतना नहीं बढ़ा है कि वे घरों की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से मेल खा सकें। इसके अलावा हैदराबाद सहित कई शहरों में घरों की आपूर्ति भी बढ़ी है।

हरि बाबू ने बताया कि वैश्विक राजनीतिक एवं आर्थिक अनिश्चितताओं ने भी घर खरीदारों की धारणा पर असर डाला है।

उन्होंने जुलाई-सितंबर की तिमाही में भी घरों की मांग कम रहने की आशंका जताई है।

रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती किए जाने के आरबीआई के फैसले के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर हरि बाबू ने कहा कि इससे निश्चित रूप से ग्राहकों को कुछ राहत मिली है क्योंकि उनके कर्ज की मासिक किस्त (ईएमआई) 7.5-8 प्रतिशत तक कम हो जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘हालांकि घरों की मांग को बढ़ावा देने के लिए आवासीय ऋण पर ब्याज दरें कम होकर लगभग छह प्रतिशत होनी चाहिए।’

नारेडको अध्यक्ष ने आवासीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए अधिक जमीन उपलब्ध कराने के लिए बड़े और मझोले शहरों में झुग्गियों के पुनर्विकास के लिए एक नई नीति की भी वकालत की।

उन्होंने कहा, ‘कोविड महामारी के बाद भूमि की लागत तेजी से बढ़ी है। उच्च भूमि लागत ने डेवलपरों के लिए किफायती घर बनाना मुश्किल बना दिया है।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

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