लंदन, 27 जून (एपी) ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने शुक्रवार को राजनीतिक दबाव के आगे झुकते हुए और अपनी ही पार्टी के सांसदों के हाथों पराजय से बचने के लिए योजनाबद्ध कल्याणकारी सुधारों को लेकर अपना रुख बदल लिया।
यह खर्च में कटौती और सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के परस्पर विरोधी लक्ष्यों के बीच फंसी वामपंथ की तरफ झुकाव वाली सरकार की ओर से मजबूरी में लिया गया नया ‘यू-टर्न’ है।
सरकार ने अगले सप्ताह संसद में एक विधेयक लाने की योजना बनाई है जो एक प्रमुख विकलांगता लाभ के लिए पात्रता को सख्त करेगा, जिससे दीर्घकालिक शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों से जूझ रहे हजारों लोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता भुगतान (पीआईपी) लाभ से वंचित हो जाएंगे।
कम आय वाले लोगों द्वारा प्राप्त एक अन्य स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी योजनाओं के तहत कम हो जाएगा। सरकार ने कहा कि प्रस्तावित बदलाव लोगों को नौकरी खोजने में मदद करेंगे जबकि उन लोगों के लिए सुरक्षा जाल को संरक्षित करेंगे जो कभी काम नहीं कर सकते।
यह कोविड-19 महामारी के बाद से बढ़े हुए कल्याण मद से अनुमानित पांच अरब पाउंड (सात अरब अमेरिकी डॉलर) की प्रति वर्ष की बचत भी करेगा। लेकिन लेबर पार्टी के कई सांसदों ने इन बदलावों पर आपत्ति जताई, जिसके बारे में ‘इंस्टीट्यूट फॉर फिस्कल स्टडीज’ थिंक टैंक ने अनुमान लगाया कि 2030 तक 32 लाख लोगों की आय में कटौती होगी।
लेबर पार्टी के 403 सांसदों में से 120 से ज्यादा ने एक प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए, जो अगर पारित हो जाता तो विधेयक को प्रभावी रूप से खत्म कर देता। मंगलवार को होने वाले मतदान में अपनी ही पार्टी के हाथों पराजय से स्टॉर्मर की सत्ता को गंभीर नुकसान पहुंचता।
इससे बचने के लिए सरकार ने कहा कि कोई भी मौजूदा प्राप्तकर्ता पीआईपी लाभ या उन लोगों को दिए जाने वाले अतिरिक्त भुगतान से वंचित नहीं होगा जिनकी स्वास्थ्य स्थितियां उनकी काम करने की क्षमता को सीमित करती हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि रातों-रात दी गई रियायतों के परिणामस्वरूप विपक्ष के अधिकांश सदस्यों के रुख में नरमी आई है, लेकिन लेबर पार्टी के कुछ सदस्य इस विधेयक के खिलाफ मतदान करने पर विचार कर रहे हैं, बशर्ते सरकार और पीछे नहीं हटती।
स्टॉर्मर को कई बार ‘यू-टर्न’ लेने पर मजबूर होना पड़ा है। इसके पहले मई में सरकार लाखों सेवानिवृत्त लोगों के लिए सर्दियों में घर को गर्म रखने से जुड़ी सब्सिडी समाप्त करने की योजना से पीछे हट गई थी। पिछले सप्ताह स्टॉर्मर ने संगठित बाल यौन शोषण की राष्ट्रीय जांच की घोषणा की थी, यह कुछ ऐसा था जिसे करने के लिए विपक्षी राजनेताओं और एलन मस्क द्वारा उन पर दबाव डाला गया था।
स्टॉर्मर कुछ दिन पहले तक इस बात पर अड़े थे कि नियोजित कल्याण सुधारों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन अब उन्होंने एक बार फिर ‘यू-टर्न’ लिया है।
एपी संतोष नरेश
नरेश