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Monday, August 11, 2025

‘गिग वर्कर्स’ के लिए बनाए गए कानून को लागू करे भाजपा सरकार: गहलोत

News‘गिग वर्कर्स’ के लिए बनाए गए कानून को लागू करे भाजपा सरकार: गहलोत

जयपुर, 29 मई (भाषा) राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से ‘गिग वर्कर्स’ के कल्याण के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए कानून को लागू करने की मांग की।

गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की पूर्व सरकार ने जुलाई 2023 में राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (पंजीकरण एवं कल्याण) अधिनियम बनाया था।

विभिन्न ऐप आधारित सेवाओं को पहुंचाने वाले श्रमिकों को ‘गिग वर्कर्स’ कहा जाता है।

गहलोत ने ‘एक्स’ पर कहा, “हमें बेहद गर्व और खुशी है कि राहुल गांधी की भावनाओं के अनुरूप वर्ष 2023 में राजस्थान में हमारी कांग्रेस सरकार के दौरान देश में पहली बार ‘गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट’ बना, जिसकी दुनियाभर में चर्चा हुई। इस कानून में ‘गिग वर्कर्स’ के लिए वेलफेयर फंड, इंश्योरेंस, काम के घंटे आदि का प्रावधान है।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी देश के कमजोर, श्रमिक, सर्वहारा वर्ग के अधिकारों तथा उन्हें न्याय दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। वर्तमान समय में ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो जैसी इंटरनेट आधारित कंपनियों में काम कर रहे लाखों युवाओं की सामाजिक सुरक्षा के लिए राहुल जी प्रयास कर रहे हैं। हम सभी को उनके हाथ मजबूत करने चाहिए।”

गहलोत के अनुसार, “मैं राजस्थान की सरकार से भी अपील करना चाहता हूं कि हमारी सरकार द्वारा बनाए गए इस कानून को लागू कर ‘गिग वर्कर्स’ को सामाजिक सुरक्षा एवं सम्मान पूर्वक जीवन यापन का अधिकार दें।”

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी यह मुद्दा उठाते हुए ‘एक्स’ पर कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की संवेदनशील सोच और दूरदर्शिता के अनुरूप, राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने वर्ष 2023 में देश में पहली बार ‘गिग वर्कर्स वेलफेयर एक्ट’ लागू कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया था।

उन्होंने कहा कि इस कानून की देश-विदेश में सराहना हुई, क्योंकि यह आधुनिक श्रम संरचना में कार्यरत युवाओं के अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।

जूली ने कहा, “मैं राजस्थान सरकार से आग्रह करता हूं कि कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए इस ऐतिहासिक कानून को शीघ्र राज्य में लागू कर ‘गिग वर्कर्स’ को वह अधिकार दें, जिसके वे हकदार हैं।’’

भाषा पृथ्वी जितेंद्र

जितेंद्र

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