नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) बिजली मंत्रालय ने शनिवार को इंडिया एनर्जी स्टैक (आईईएस) की परिकल्पना करने के लिए एक कार्यबल के गठन की घोषणा की। इसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र के लिए एकीकृत, सुरक्षित और अंतर-संचालन योग्य डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) बनाना है।
एक आधिकारिक बयान में बिजली मंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि आईईएस नवीकरणीय ऊर्जा को एकीकृत करने, बिजली कंपनियों (डिस्कॉम) की दक्षता बढ़ाने तथा पारदर्शी, विश्वसनीय और भविष्य के लिए तैयार विद्युत सेवाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा, “देश की बढ़ती मांग को प्रबंधित करने, ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए बिजली क्षेत्र में मजबूत डीपीआई विकसित करने की तत्काल आवश्यकता है। पहचान के लिए ‘आधार’ ने जो किया और डिजिटल भुगतान के लिए ‘यूपीआई’ ने जो हासिल किया, वही ‘इंडिया एनर्जी स्टैक’ बिजली क्षेत्र के लिए हासिल करेगा।”
बयान में कहा गया है कि जैसे-जैसे भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और कार्बन उत्सर्जन शून्य करने की अपनी प्रतिबद्धताओं की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे बिजली क्षेत्र को अभूतपूर्व अवसरों और जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा बाजारों में उपभोक्ता भागीदारी में तीव्र वृद्धि से इस क्षेत्र में बदलाव आ रहा है, लेकिन खंडित प्रणालियां और निर्बाध डिजिटल एकीकरण का अभाव प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय