नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि बेंगलुरु के तीन निजी कॉलेजों में ‘प्रबंधन कोटा’ के तहत छात्रों को दाखिला नकदी सहित धन लेकर ‘‘अपारदर्शी’’ तरीके से दिया जा रहा।
संघीय जांच एजेंसी का यह बयान 25 और 26 जून को ‘‘सीट घोटाला’’ मामले में 17 स्थानों पर छापेमारी किये जाने के बाद आया है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि छापेमारी बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, आकाश इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी और न्यू होराइजन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के परिसरों के साथ-साथ इन संस्थानों से जुड़े लोगों पर की गई।
शैक्षिक परामर्श सेवाओं में लगी कुछ संस्थाओं और कुछ निजी एजेंटों के परिसरों में भी छापेमारी की गई।
ईडी का मामला इन कॉलेजों के खिलाफ केईए (कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण) द्वारा दर्ज कर्नाटक पुलिस की प्राथमिकी से उपजा है।
एजेंसी ने कहा कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि इन कॉलेजों ने केईए में पंजीकृत छात्रों के ‘लॉगिन आईडी-पासवर्ड’ हासिल करने के लिए अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलीभगत की और बाद में उन छात्रों के लिए अपने नाम पर सीट ब्लॉक कर दी, जो दाखिला लेने का इरादा नहीं रखते थे।
ईडी ने कहा कि तलाशी में निजी संस्थानों में लोकप्रिय व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश प्रक्रिया में ‘‘व्यापक’’ स्तर पर सीट ब्लॉक रखने और नकदी/धन के इस्तेमाल के ‘‘साक्ष्य’’ सामने आए।
बयान में कहा गया है, ‘‘एजेंटों, शैक्षिक परामर्श सेवा संस्थाओं का एक व्यापक नेटवर्क है, जिसका इस्तेमाल देश भर से छात्रों को इन संस्थानों में दाखिले के लिए लाने के वास्ते किया जाता है।’’
तलाशी के दौरान कथित तौर पर कुल 1.37 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए। हालांकि, ईडी ने बरामद किये गए धन के स्रोत के बारे में कुछ नहीं बताया।
कॉलेजों या उनके प्रवर्तकों से उनके खिलाफ लगाये गए ईडी के आरोपों पर टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका।
भाषा सुभाष संतोष
संतोष