मुंबई, 28 जून (भाषा) प्रतिबंधित ‘स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ (सिमी) के पूर्व पदाधिकारी और पुणे आईएसआईएस माड्यूल मामले में आरोपी साकिब नाचन की शनिवार को दिल्ली के एक अस्पताल में मौत हो गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि साकिब (67) को कुछ दिन पहले मस्तिष्क रक्तस्राव (ब्रेन हेमरेज) की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में ठाणे जिले के पडघा इलाके के निवासी साकिब को चार दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 2023 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ की देशव्यापी कार्रवाई के दौरान पडघा में छापेमारी कर साकिब समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने बताया कि साकिब तिहाड़ जेल में बंद था और तबियत बिगड़ने पर उसे मंगलवार (24 जून) को अस्पताल ले जाया गया था।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने बाद में साकिब को मस्तिष्क रक्तस्राव होने की पुष्टि की।
अधिकारी ने बताया कि शनिवार को साकिब की हालत बिगड़ गई और अपराह्न 12 बजकर 10 मिनट पर उसकी मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद साकिब का शव उसके परिवार को सौंप दिया जायेगा और रविवार को पडघा के निकट बोरीवली गांव में उसका अंतिम संस्कार किया जायेगा।
वर्ष 2023 में साक़िब नाचन की गिरफ्तारी के समय राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) ने कहा था कि वह (नाचन) कथित रूप से आईएसआईएस की आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल था।
एजेंसी ने यह भी दावा किया था कि साकिब आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने के लिए ‘इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस’ (आईईडी) के निर्माण, प्रशिक्षण और परीक्षण में कथित रूप से शामिल था।
संघीय एजेंसी ने बताया था कि साजिश के तहत साकिब अन्य आरोपियों के साथ मिलकर काम कर रहा था, जिसे पुणे आईएसआईएस मॉड्यूल मामला भी कहा जाता है।
सूत्रों ने बताया कि सप्ताह की शुरुआत में साकिब के बेटे और वकील उससे मिलने के लिए अस्पताल गए थे। साकिब को 2002-03 में मुंबई में हुए बम धमाकों में भूमिका के लिए वर्ष 2016 में दोषी ठहराया गया था।
अधिकारी ने बताया कि 10 वर्ष की सजा पूरी करने के बाद साकिब बाहर आ गया था।
वर्ष 2023 में साकिब को प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस के आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों के निर्माण सहित आतंकवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए एनआईए ने कई अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था।
एनआईए के अनुसार, साकिब मुख्य आरोपी था और गिरफ्तार किए गए समूह का स्वयंभू नेता था और उसने प्रतिबंधित संगठन में शामिल होने वाले लोगों को आईएसआईएस के स्वयंभू ‘खलीफा’ के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाने का अधिकार ग्रहण कर लिया था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपियों ने गांव को ‘मुक्त क्षेत्र’ और अपनी कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का केंद्र घोषित कर दिया था।
अधिकारी ने बताया कि जून के पहले सप्ताह में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने बोरीवली, पडघा में 22 स्थानों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया और साकिब के रिश्तेदारों सहित कई संदिग्धों को हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में पूछताछ के बाद जाने दिया गया।
उन्होंने बताया, “इन छापेमारियों के संबंध में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए, जो इस विशेष सूचना पर आधारित थे कि साकिब और उसके साथियों ने गांव के लोगों का बहला-फुसलाकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भाग लेने के लिए उकसाया।”
इस बीच, एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने पडघा और पड़ोसी भिवंडी में सुरक्षा बढ़ा दी है।
ऐसा माना जा रहा है कि यहां साकिब का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।”
भाषा जितेंद्र पवनेश
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