जम्मू, 28 जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों की समीक्षा की तथा जोखिम को कम करने एवं तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) लागू करने पर जोर दिया।
उन्होंने अधिकारियों को उन्नत प्रौद्योगिकियों और ‘वास्तविक समय’ निगरानी पद्धति से निरीक्षण बढ़ाने और खतरे का पता लगाने की क्षमताओं का विस्तार करने का भी निर्देश दिया।
एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आगामी अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारियों का जायजा लेने के लिए डीजीपी ने यहां पुलिस, सेना, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, खुफिया एजेंसियों और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान डीजीपी ने एसओपी के कार्यान्वयन के लिए निर्देश जारी किए तथा जोखिम को कम करने तथा यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न उपायों के महत्व पर बल दिया।
उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारियों को आतंकवादी समर्थक तंत्र को नष्ट करने के लिए अपने प्रयासों को तेज करने तथा आगामी यात्रा के लिए मजबूत सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया।
बैठक की शुरुआत में, अधिकारियों ने यात्रा के लिए प्रस्तावित सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी तथा विभिन्न बलों के बीच प्रभावी समन्वय के महत्व पर बल दिया।
जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जोगिंदर सिंह ने विस्तृत प्रस्तुति दी तथा आगामी यात्रा के लिए जम्मू जिले में सुरक्षा तैनाती और यात्रियों की सुविधा के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी, जिनमें जिले भर में ठहरने के केंद्रों, पंजीकरण केंद्रों और टोकन केंद्रों पर व्यवस्थाएं आदि शामिल हैं।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी यात्रा की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।
अड़तीस दिनों तक चलने वाली यह यात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों से शुरू होगी – अनंतनाग जिले में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक पहलगाम मार्ग और गंदेरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा लेकिन खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। दोनों मार्गों से 3,880 मीटर ऊंचे पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश