बेंगलुरु, 29 जून (भाषा) कर्नाटक के लिये कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर अशांति के संकेतों के बीच सोमवार को पार्टी विधायकों के साथ अलग-अलग बैठकें करेंगे।
ये बैठकें इसलिए महत्वपूर्ण हो गई हैं, क्योंकि कई विधायकों ने हाल में सरकार के कामकाज पर असंतोष जताया है।
यह बैठक ऐसे समय में होने वाली है, जब सहकारिता मंत्री के एन राजन्ना की हालिया टिप्पणियों के बाद कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर से शुरू हो गई हैं, जिसमें उन्होंने सितंबर के बाद ‘क्रांतिकारी’ राजनीतिक घटनाक्रम का संकेत दिया था।
पार्टी हलकों में मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बदलाव की भी चर्चा है।
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सुरजेवाला की यात्रा और पार्टी विधायकों के साथ उनकी आमने-सामने की बैठकों की पुष्टि करते हुए रविवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हां, वह आ रहे हैं… निश्चित रूप से बैठकें होंगी। उन्होंने (सुरजेवाला) सभी को सीधे सूचित कर दिया है। मैं पार्टी के सभी विधायकों को सूचित कर रहा हूं।’’
अलंद से विधायक बी आर पाटिल ने हाल में आवास विभाग के तहत आवास के आवंटन में रिश्वतखोरी का आरोप लगाया।
कागवाड़ विधायक राजू कागे ने विकास कार्यों और धन जारी होने में देरी का हवाला देते हुए इस्तीफा देने का संकेत दिया। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रशासन “पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है।”
इन विधायकों की टिप्पणियों से सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है, जबकि विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) ने सरकार पर ‘बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार’ का आरोप लगाया तथा मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और आवास मंत्री बी जेड ज़मीर अहमद खान के इस्तीफे की मांग की है।
खबरों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व ने सिद्धरमैया से मुद्दों को सुलझाने, विधायकों को विश्वास में लेने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी सरकार के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी न करे।
सरकार के दो वर्ष पूरे होने के साथ सत्तारूढ़ कांग्रेस के भीतर मंत्रिमंडल में फेरबदल के लिए दबाव बढ़ रहा है।
भाषा आशीष दिलीप
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