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Monday, June 30, 2025

हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’, रातभर वर्षा के बाद शिमला-कालका रेल लाइन बंद

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(फोटो सहित)

शिमला, 29 जून (भाषा) शिमला मौसम विज्ञान केंद्र ने रविवार को हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में भारी बारिश का “रेड अलर्ट” जारी किया, वहीं रात भर हुई बारिश के बाद पटरियों पर पत्थर और पेड़ गिरने से शिमला-कालका रेल लाइन पर सेवाएं निलंबित कर दी गईं।

शिमला और चंडीगढ़ को जोड़ने वाले शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-5) पर कोटी के निकट भूस्खलन से सड़क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए, जिसके परिणामस्वरूप यातायात प्रभावित हुआ।

सोलन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव सिंह ने रविवार को कहा कि भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए एनएच 5 पर चक्की मोड़ के पास यातायात बहाल कर दिया गया है और पुलिस दल यातायात की आवाजाही में मदद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जंगेशु मार्ग पर भी मलबा गिरने से वैकल्पिक रास्ता बंद है, जिसे साफ किया जा रहा है। रास्ता साफ होने पर, कसौली से चंडीगढ़ की ओर जाने वाले यातायात को जंगेशु के रास्ते भेजा जाएगा।

राज्य के 12 जिलों में से 10 जिलों- बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर, ऊना, कुल्लू और चंबा के लिए 29 जून को भारी बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है।

मौसम विभाग ने भूस्खलन, जलभराव, कमजोर ढांचों को नुकसान, यातायात जाम और आवश्यक सेवाओं में व्यवधान की चेतावनी दी है।

वर्ष 2023 में भारी बारिश के कारण राज्य में भारी नुकसान हुआ था, जब मौसम विभाग ने जुलाई और अगस्त के महीनों में ‘रेड अलर्ट’ जारी किया था। हिमाचल प्रदेश में अब तक की सबसे भीषण मानसून आपदा में 550 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

शिमला-कालका यूनेस्को विश्व धरोहर रेल मार्ग पर कोटी क्षेत्र के पास पटरियों पर चट्टानें और पेड़ गिर गए, जिससे ट्रेन सेवाएं अवरूद्ध हो गईं। अधिकारी मरम्मत कार्य में जुटे हुए हैं। सुबह आने वाली पहली ट्रेन कोटी स्टेशन पर फंस गई, जबकि अन्य ट्रेन गुम्मान और कालका स्टेशनों पर रोकी गईं।

घंटों इंतजार करते और अपना गुस्सा जाहिर करते यात्रियों के वीडियो भी ऑनलाइन सामने आ रहे हैं। कोटी ही नहीं बल्कि शिमला तक जगह-जगह पत्थर, पेड़ और मलबा गिरा है।

सोलन के बड़ोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में ट्रक यूनियन के पास स्थित हिमुडा कॉम्प्लेक्स को जोड़ने वाले मार्ग पर एक पुल बह गया है, जिससे मंधाला और बग्गूवाला की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात रुक गया है।

बद्दी क्षेत्र की बालद नदी उफान पर है और झड़माजरी के पास रौद्र रूप में बह रही है, जिससे आसपास के इलाकों में नुकसान की आशंका बढ़ गई है।

झड़माजरी की शिवालिक नगर कॉलोनी में करीब 20 घरों में चार फुट तक पानी भर गया है। यहां हर साल बारिश में जलभराव की समस्या सामने आती है।

इस बीच, मंडी की जुनी खड्ड और व्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और सतर्क रहने की अपील की है।

भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) के अधिकारियों ने बताया कि ब्यास नदी में लगभग 44,000 क्यूसेक पानी बह रहा है और गाद स्तर 4,000 पीपीएम तक पहुंच गया है, जिसके चलते बग्गी सुरंग बंद कर दी गई है और देहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।

शनिवार शाम से जोगिंदरनगर में 135 मिमी, कसौली में 125 मिमी, हाहू में 119.5 मिमी, पांवटा साहिब में 116.8 मिमी, बिजाही में 102 मिमी, सुंदरनगर में 96 मिमी, शिमला में 91 मिमी, कुफरी में 89 मिमी और सोलन में 85.6 मिमी बारिश दर्ज की गई।

स्थानीय मौसम कार्यालय ने सोमवार को राज्य के कुछ हिस्सों के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है और पांच जुलाई तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है।

इसके अलावा, बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के हिस्सों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है।

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से बारिश संबंधी घटनाओं में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार लोग लापता हैं।

भाषा आशीष शोभना

शोभना

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