कोलकाता, 29 जून (भाषा)बांग्ला भाषा समर्थक समूह ‘बांग्ला पोक्खो’ के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल सिविल सेवा परीक्षा (डब्ल्यूबीसीएस) में हिंदी और उर्दू को मान्यता प्राप्त भाषा के रूप में अधिसूचित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ रविवार को कोलकाता में एक रैली निकाली।
संगठन के महासचिव गर्गा चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि अन्य राज्यों की तर्ज पर पश्चिम बंगाल सिविल सेवा परीक्षा में बांग्ला को अनिवार्य भाषा बनाया जाए।’’
उन्होंने रैली के अंत में सवाल किया, ‘‘ यदि महाराष्ट्र में राज्य सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए मराठी जानना अनिवार्य है, यदि उत्तर प्रदेश और बिहार में सिविल सेवा परीक्षा देने के लिए हिंदी जानना अनिवार्य है, तो पश्चिम बंगाल में डब्ल्यूबीसीएस उम्मीदवारों को बांग्ला न जानने के बावजूद क्यों छूट मिलनी चाहिए?’’
रैली रवींद्र सदन एक्साइड चौराहे से शुरू हुई और हाजरा मोड़ पर समाप्त हुई।
चट्टोपाध्याय ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांग के अनुसार डब्ल्यूबीसीएस परीक्षा में 300 अंकों के बांग्ला भाषा प्रश्नपत्र को अनिर्वाय रूप से उत्तीर्ण करने संबंधी अधिसूचना जारी नहीं करती है तो 2026 से पहले एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
भाषा धीरज शोभना
शोभना