भुवनेश्वर, 30 जून (भाषा) ओडिशा सतर्कता विभाग ने सोमवार को एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में तीन जिलों के आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
सतर्कता विभाग ने यह छापेमारी मृदा संरक्षण एवं जलग्रहण विकास विभाग के संयुक्त निदेशक की संपत्तियों पर की। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी ज्ञात आय के स्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति जुटाई है।
अधिकारी पहले रायगढ़ जिले में जलग्रहण विभाग में परियोजना निदेशक (पीडी) के पद पर तैनात रह चुके हैं।
एक अधिकारी ने बताया, “भवानीपटना के विशेष न्यायाधीश, सतर्कता द्वारा जारी तलाशी वारंट के आधार पर ओडिशा सतर्कता विभाग के 10 उप पुलिस अधीक्षकों, आठ निरीक्षकों, 10 एएसआई और अन्य कर्मचारियों की टीम ने यह छापेमारी की।”
छापेमारी भुवनेश्वर में तीन, कालाहांडी जिले में दो और नबरंगपुर जिले में तीन स्थानों पर की जा रही है।
अब तक की कार्रवाई में नबरंगपुर जिले में दो फार्महाउस, एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और एक निर्माणाधीन इमारत, भुवनेश्वर में एक फ्लैट और एक इमारत तथा कालाहांडी जिले के भवानीपटना के बाहरी इलाके में 11 एकड़ जमीन का पता चला है। इसके अलावा, 55 लाख रुपये की बैंक जमा राशि भी मिली है।
दोनों फार्महाउस में से बिजरागुड़ा स्थित फार्महाउस 40 एकड़ में फैला है, जिसकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये है। वहीं, फाटकोटे में स्थित दूसरा फार्महाउस छह एकड़ में फैला है और इसकी कीमत 34 लाख रुपये बताई गई है।
इस वर्ष 22 मई को भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने रायगढ़ जिले के काशीपुर प्रखंड में मनरेगा के तहत 23 तालाबों की खुदाई किए बिना ही 20 लाख रुपये की सरकारी राशि की हेराफेरी के आरोप में जलग्रहण विभाग के परियोजना निदेशक कार्यालय के चार अधिकारियों को गिरफ्तार किया था।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद से ही रायगढ़ में पूर्व परियोजना निदेशक सतर्कता विभाग की नजर में थे।
भाषा राखी मनीषा
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