(फाइल फोटो सहित)
ईटानगर, 30 जून (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि राज्य ने माध्यमिक स्तर पर ‘बीच में पढ़ाई छोड़ देने की दर’ घटाकर 11.7 प्रतिशत तक लाने और प्राथमिक स्तर पर 100 प्रतिशत समायोजित नामांकन प्राप्त कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
खांडू ने अपनी सरकार के ‘पेमा 3.0: सुधार और विकास का वर्ष’ अभियान के तहत शिक्षा क्षेत्र की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य में विद्यार्थी-शिक्षक अनुपात अब 11:1 हो गया है, जो राष्ट्रीय औसत 24:1 से कहीं बेहतर है।
मुख्यमंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “ये उपलब्धियां सभी के लिए समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।”
उन्होंने यह भी घोषणा की कि अरुणाचल प्रदेश अब नीति आयोग के ‘एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2024’ में सतत विकास लक्ष्य चार (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा) के तहत ‘आकांक्षी’ राज्य से ‘प्रदर्शन’ करने वाले राज्य की श्रेणी में आ गया है।
नीति आयोग द्वारा विकसित ‘एसडीजी इंडिया इंडेक्स’ देश और राज्यों में सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति को मापने का मुख्य पैमाना है।
यह सूचकांक 16 लक्ष्यों के अंतर्गत 113 संकेतकों के आधार पर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करता है और उनकी एसडीजी उपलब्धियों का समग्र चित्र प्रस्तुत करता है।
यह सूचकांक नीतिगत सुधारों के लिए आंकड़े आधारित हस्तक्षेप, राज्यों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और एसडीजी क्रियान्वयन को गति देने में अहम भूमिका निभाता है।
मुख्यमंत्री खांडू ने शिक्षा से जुड़े प्रमुख सूचकांकों में इस सुधार का श्रेय सतत सुधारों और जमीनी स्तर पर प्रभावी कार्यान्वयन को दिया।
भाषा राखी मनीषा आशीष
आशीष