29.6 C
Jaipur
Tuesday, July 1, 2025

मतदाता सूची की समीक्षा की जरूरत, सिर्फ पात्र नागरिक हो सकते हैं शामिल: निर्वाचन आयोग

Newsमतदाता सूची की समीक्षा की जरूरत, सिर्फ पात्र नागरिक हो सकते हैं शामिल: निर्वाचन आयोग

नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) निर्वाचन आयोग ने सोमवार को कहा कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की जरूरत है क्योंकि ये कई कारणों से बदलती रहती हैं और संविधान में प्रावधान है कि केवल पात्र नागरिक ही मतदाता सूची का हिस्सा हों और जो नहीं हैं, वो वोट नहीं दे सकें।

आयोग ने यह टिप्पणी उस वक्त की है, जब कई विपक्षी दलों ने कहा है कि गहन पुनरीक्षण के कारण राज्य मशीनरी का उपयोग करके बड़ी संख्या में मतदाताओं को मताधिकार से वंचित किए जाने का खतरा है।

आयोग ने एक बयान में कहा कि मतदाता सूची में संशोधन जरूरी है क्योंकि यह निरंतर बदलाव से गुजरने वाली सूची होती है जो मौतों, प्रवासन के कारण लोगों के स्थानांतरण और 18 वर्ष के नए मतदाताओं के जुड़ने के कारण बदलती रहती है।

बयान में कहा गया है, ‘‘इसके अलावा, संविधान का अनुच्छेद 326 निर्वाचक बनने के लिए पात्रता निर्दिष्ट करता है। केवल 18 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीय नागरिक और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के निवासी ही निर्वाचक के रूप में पंजीकृत होने के पात्र हैं।’’

निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने बिहार की 2003 की मतदाता सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इसमें 4.96 करोड़ मतदाताओं का विवरण शामिल है।

इसका उपयोग 2003 की सूची में शामिल लोग अपना गणना फॉर्म जमा करते समय दस्तावेजी साक्ष्य के रूप में कर सकते हैं।

इसमें यह भी कहा गया है कि वर्ष 2003 की मतदाता सूची की उपलब्धता के कारण राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में काफी सुविधा होगी क्योंकि अब कुल मतदाताओं में से लगभग 60 प्रतिशत को कोई दस्तावेज जमा नहीं करना होगा।

उन्हें बस 2003 की मतदाता सूची से अपना विवरण सत्यापित करना होगा और भरा हुआ गणना फॉर्म जमा करना होगा।

मतदाता और बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) दोनों ही इन विवरणों को आसानी से देख सकेंगे।

इसमें कहा गया है कि जिस किसी का नाम 2003 की बिहार मतदाता सूची में नहीं है, वह अब भी अपनी मां या पिता के लिए कोई अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के बजाय 2003 की मतदाता सूची के उद्धरण का उपयोग कर सकता है।

ऐसे मामलों में माता या पिता के लिए किसी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। केवल 2003 ईआर का प्रासंगिक उद्धरण/विवरण ही पर्याप्त होगा।

ऐसे मतदाताओं को भरे हुए गणना फॉर्म के साथ केवल अपने लिए दस्तावेज जमा करने होंगे।

आयोग ने इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक चुनाव से पहले, जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के नियम 25 के अनुसार मतदाता सूची में संशोधन अनिवार्य है।

भाषा हक

हक वैभव

वैभव

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles