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Tuesday, July 1, 2025

बांग्ला भाषी प्रवासियों को भाजपा शासित राज्यों में ‘उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ रहा: टीएमसी सांसद

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नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद समीरुल इस्लाम ने सोमवार को आरोप लगाया कि बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले राज्यों में ‘उत्पीड़न’ का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें बांग्लादेशी करार दिया जा रहा है।

इस्लाम ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘इन प्रवासी श्रमिकों को बिना किसी पुलिस रिकॉर्ड के हिरासत में लिया जा रहा है। अधिकारी उनकी नागरिकता सत्यापित करने के लिए राज्य सरकार से संपर्क भी नहीं कर रहे हैं। तो फिर नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का मकसद क्या है?’’

उन्होंने लिखा, ‘‘क्या वे सभी भारतीय कानूनों को दरकिनार करते हुए बंगाल को अवैध तरीके से दंडित करने का इरादा रखते हैं, सिर्फ इसलिए कि वे राज्य में चुनाव जीतने में नाकाम रहे?’’

इस्लाम ने सवाल किया कि भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों का उत्पीड़न लगातार जारी है। वैध दस्तावेज होने के बावजूद बंगाल के कई गरीब श्रमिकों को गलत तरीके से बांग्लादेशी बताया जा रहा है। उन्हें हर संभव तरीके से परेशान किया जा रहा है, जिसमें अवैध हिरासत और जबरन सीमा पार बांग्लादेश भेजना भी शामिल है।’’

टीएमसी सांसद ने कहा कि अगर कोई घुसपैठ हुई है, तो इसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की है।

उन्होंने कहा, ‘‘तो गरीब बंगाली नागरिकों को इस तरह अलोकतांत्रिक तरीके से क्यों निशाना बनाया जा रहा है?’’

इस्लाम ने आरोप लगाया कि बांग्ला भाषी प्रवासियों को बिना किसी अदालत में पेश किए 24 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘कौन सा कानून उन्हें ऐसा करने की इजाजत देता है? यहां तक ​​कि उन राज्यों की पुलिस भी पहचान प्रमाण के रूप में असली आधार कार्ड, ईपीआईसी (फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र) और राशन कार्ड स्वीकार करने से इनकार कर रही है।’’

राज्यसभा सदस्य इस्लाम ने आरोप लगाया कि लोगों को बांग्ला बोलने के लिए ‘‘अभूतपूर्व क्रूरता का सामना करना पड़ रहा है, जिसे रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे जैसे विद्वान और देशभक्त भी बोलते थे।’’

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल चुप नहीं रहेगा।

इस्लाम ने कहा, ‘‘ममता बनर्जी के नेतृत्व में हम गरीबों की आवाज को सिर्फ इसलिए नहीं कुचलने देंगे, क्योंकि वे बांग्ला बोलते हैं। हम यह लड़ाई लड़ेंगे और हम इसे अपनी शर्तों पर लड़ेंगे।’’

महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों के अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बीच टीएमसी और अन्य विपक्षी दलों ने ‘‘बांग्ला भाषी प्रवासियों के उत्पीड़न’’ का मुद्दा उठाया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले हफ्ते संवाददाताओं से कहा था कि उनके पास सूचना है कि 300-400 बांग्ला भाषी प्रवासी श्रमिकों को वैध दस्तावेज दिखाने के बावजूद राजस्थान में एक इमारत में कथित तौर पर बंधक बनाकर रखा गया है।

इस महीने की शुरुआत में पश्चिम बंगाल की एक महिला सहित सात प्रवासी श्रमिकों को, जिन्हें बांग्लादेशी होने के संदेह में गलत तरीके से पकड़ लिया गया था और फिर भारत-बांग्लादेश सीमा के रास्ते बांग्लादेश भेज दिया गया था, उनकी भारतीय नागरिकता सत्यापित होने के बाद उन्हें वापस बुला लिया गया था।

भाषा पारुल मनीषा

मनीषा

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