नयी दिल्ली, 30 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को विपक्षी दलों पर संविधान को ‘शरिया की स्क्रिप्ट’ में बदलने और अपने ‘नमाजवाद’ को छिपाने के लिए ‘समाजवाद’ की आड़ लेने का आरोप लगाया।
भाजपा ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की भी उनकी उस टिप्पणी के लिए आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनका गठबंधन बिहार में सत्ता में आता है, तो संशोधित वक्फ अधिनियम को ‘कूड़ेदान में फेंक देगा’।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि बिहार में राजद-कांग्रेस-वाम दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने संविधान के प्रति अपने सम्मान की कमी को दर्शाया है, क्योंकि यह अधिनियम संसद द्वारा पारित किया गया था और उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। त्रिवेदी ने कहा कि वे ना तो संसद का सम्मान करते हैं और ना ही न्यायपालिका का सम्मान करते हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने संवाददाता सम्मेलन में निर्वाचन आयोग के मतदाता सूचियों की विशेष गहन समीक्षा करने पर विपक्षी दलों की आलोचना को खारिज कर दिया, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई है।
उन्होंने कहा कि यह आलोचना उनकी अपरिहार्य हार के मद्देनजर उनकी ‘पराजयवादी मानसिकता’ से उपजी है।
उन्होंने कहा कि ये दल फर्जी मतदाता चाहते हैं, जबकि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि केवल पात्र भारतीय नागरिक ही अपनी पसंद की सरकार चुन सकें। आयोग ने कहा है कि यह एक नियमित प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य केवल पात्र मतदाताओं को ही मतदाता सूची में शामिल करना है।
विपक्षी दलों ने दावा किया है कि आयोग जानबूझकर पात्र मतदाताओं को बाहर कर सकता है। बिहार में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की उम्मीद है।
पटना में आयोजित एक रैली में वक्फ (संशोधन) अधिनियम की तीखी आलोचना करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं पर निशाना साधते हुए त्रिवेदी ने कहा कि उनका (विपक्षी दलों का) गठबंधन वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है।
त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गठबंधन पिछले दरवाजे से शरिया प्रावधानों को लागू करना चाहता है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्य हिंदू अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जातियों (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए आरक्षण की कीमत पर मुसलमानों को आरक्षण दे रहे हैं और पश्चिम बंगाल भी ऐसा करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने बी आर आंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान के मूल्यों के प्रति भाजपा के नेतृत्व वाले राजग की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘संविधान बचाओ’ इन दलों का महज दिखावा है, क्योंकि इनका असली चेहरा ‘शरिया लाओ’ है। अगर वे सत्ता में आए, तो संविधान की प्रस्तावना में ‘नमाजवाद’ जोड़ देंगे। वे संविधान को शरिया स्क्रिप्ट में बदलना चाहते हैं, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।’’
राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को दावा किया कि बिहार में सत्तारूढ़ राजग सत्ता से बाहर होने की राह पर है और अगर राज्य में विपक्षी दलों के गठबंधन की सरकार आई, तो केंद्र की नरेन्द्र मोदी नीत सरकार द्वारा लाए गए वक्फ अधिनियम को ‘कूड़ेदान में फेंक देगी’।
तेजस्वी बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित कर रहे थे। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) आंबेडकर के संविधान के किसी भी प्रावधान को कूड़ेदान में नहीं फेंकने देगा।
विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि वे जिन शरिया प्रावधानों की वकालत कर रहे हैं, वे सऊदी अरब, पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की जैसे इस्लामी देशों में भी लागू नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि ये दल वक्फ की जमीन के बड़े हिस्से को कुछ स्वयंभू मुस्लिम धार्मिक नेताओं के हाथों में केंद्रित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इन संपत्तियों का कभी भी समुदाय के कल्याण के लिए उपयोग नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि समाजवाद संपत्ति के वितरण में विश्वास करता है, लेकिन राजद और समाजवादी पार्टी जैसे समाजवादी दल इसके विपरीत काम कर रहे हैं और वास्तव में, कुछ स्वयंभू मुस्लिम नेताओं के साथ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह समाजवाद नहीं, बल्कि ‘नमाजवाद’ है।
त्रिवेदी ने कहा कि जब देश आपातकाल की 50वीं बरसी मना रहा है, कांग्रेस और उसके सहयोगी दल अब भी उसी मानसिकता से ग्रस्त हैं और कह रहे हैं कि वे विधिवत बनाए गए कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे।
भाजपा सांसद ने कहा कि कुरान में वक्फ का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल ‘मौलवियों की स्क्रिप्ट’ के लिए आंबेडकर के संविधान का उपहास करना चाह रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भी एक बार वक्फ कानून के नाम पर प्रभावशाली मुस्लिमों द्वारा जमीनों को कथित रूप से हड़पे जाने की बात की थी।
भाषा वैभव दिलीप
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