नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) देश में चार्टर्ड अकाउंटेंट का शीर्ष निकाय आईसीएआई फर्जीवाड़े से प्रभावित इंडसइंड बैंक के वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करेगा।
भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि निकाय का वित्तीय रिपोर्टिंग समीक्षा बोर्ड (एफआरआरबी) निजी क्षेत्र के बैंक के बही-खातों की समीक्षा करेगा।
आईसीएआई के अध्यक्ष चरणजोत सिंह नंदा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘एफआरआरबी के बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि वह वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 के लिए इंडसइंड बैंक के वित्तीय विवरणों और वैधानिक लेखा परीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा करेगा।’’
एफआरआरबी कंपनियों के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करता है, ताकि लेखा मानकों, लेखा परीक्षा के मानकों, कंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची दो एवं तीन के अनुपालन का आकलन किया जा सके।
इसके अलावा, एफआरआरबी लेखांकन और लेखा परीक्षा पर विभिन्न मार्गदर्शन टिप्पणियों और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी मास्टर परिपत्रों/निर्देशों के अनुपालन का आकलन करता है।
पिछले दो वर्षों में डेरिवेटिव सौदों की गलत पहचान के कारण बैंक की नेटवर्थ को संभावित नुकसान के बारे में खुलासा होने के बाद का समय इंडसइंड बैंक के लिए उथल-पुथल भरा रहा है।
मार्च में बैंक ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में 1,979 करोड़ रुपये की लेखा चूक की सूचना दी थी। इसके बाद बैंक की आंतरिक ऑडिट समीक्षा में पाया गया कि सूक्ष्म-वित्त व्यवसाय से ब्याज के रूप में मिले 674 करोड़ रुपये गलत तरीके से दर्ज किए गए थे। इसके अलावा बही-खाते के ‘अन्य परिसंपत्तियां’ मद में 595 करोड़ रुपये का ‘अप्रमाणित शेष’ था।
बुधवार को बाजार नियामक सेबी ने इंडसइंड बैंक के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया और चार अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बैंक के शेयरों में कथित भेदिया कारोबार के सिलसिले में प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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