पटना, 30 जून (भाषा) पटना उच्च न्यायालय ने ‘‘नृत्य/ऑर्केस्ट्रा समूहों’’ द्वारा नाबालिग लड़कियों की ‘‘तस्करी और उनके शोषण’’ को लेकर दाखिल याचिका पर बिहार सरकार से जवाब तलब किया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की पीठ ने ‘‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन’ द्वारा दायर एक रिट याचिका पर यह नोटिस जारी किया। ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन’ खुद को ‘‘बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले 250 से अधिक गैर सरकारी संगठनों का नेटवर्क’’ बताया है।
याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को बताया कि रोहतास, सारण और गोपालगंज जैसे जिलों में गुप्त सूचना के आधार पर स्थानीय प्रशासन द्वारा ऑर्केस्ट्रा समूहों पर छापेमारी की गयी और ‘‘बड़ी संख्या में नाबालिग लड़कियों को बचाया गया’’।
वकील ने दलील दी कि छापेमारी के दौरान लड़कियों की ‘‘तस्करी और उनका शोषण’’ उजागर हुआ एवं अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाई गई नीति विफल हो जाएगी।
याचिकाकर्ता ने राज्य को ‘‘ऑर्केस्ट्रा/नृत्य/रंगमंच समूहों के विनियमन, पंजीकरण और निगरानी के लिए एक बहु-हितधारक रणनीति/राज्य-व्यापी कार्य योजना’’ तैयार करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया।
अदालत ने 29 जून के अपने आदेश में राज्य प्राधिकारियों को 25 जुलाई को अगली सुनवाई तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि ‘‘बिहार राज्य में चल रहे किसी भी ऑर्केस्ट्रा/नृत्य/रंगमंच समूह में इस तरह की तस्करी की सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाए।’’
भाषा धीरज अविनाश
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