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नयी दिल्ली, 29 मई (भाषा) वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह ने बृहस्पतिवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ‘‘राष्ट्रीय विजय’’ करार दिया। साथ ही उन्होंने विभिन्न रक्षा अधिग्रहण परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अत्यधिक देरी पर गंभीर चिंता जताई और इस मुद्दे को सुलझाने की वकालत की।
भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के बाद अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ‘‘एक भी परियोजना’’ समय पर पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने हालांकि, सीआईआई बिजनेस समिट में अपनी टिप्पणी में परियोजनाओं का विशिष्ट विवरण नहीं दिया या उस अवधि का संदर्भ नहीं दिया कि परियोजनाओं में कब से हुई देरी भारतीय वायुसेना को प्रभावित कर रही है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारतीय सशस्त्र बलों को ‘‘स्पष्ट तौर पर अहसास’’ करा दिया है कि ‘‘हम किस ओर जा रहे हैं और हमें भविष्य में क्या चाहिए’’।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को राष्ट्रीय विजय करार देते हुए कहा कि सभी भारतीय बलों ने मिलकर बेहद पेशेवर तरीके से इसे अंजाम दिया।
उन्होंने कहा, “हम सत्य के मार्ग पर चल रहे थे। मुझे लगता है कि ईश्वर भी इसमें हमारे साथ था।”
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हमने जो ऑपरेशन सिंदूर चलाया, वह राष्ट्रीय विजय है। मैं हर भारतीय को धन्यवाद देता हूं। मुझे यकीन है कि हर भारतीय इस जीत की ओर देख रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कई बार कहा जा चुका है कि यह एक ऐसा ऑपरेशन था जिसे सभी लोगों ने बहुत ही पेशेवर तरीके से अंजाम दिया, सभी एजेंसियां, सभी बल, हम सब एक साथ आए… और जब सत्य आपके साथ होता है, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है।”
वायुसेना प्रमुख ने अपने संबोधन में रक्षा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी पर दुख जताया। तेजस हल्के लड़ाकू विमान की आपूर्ति में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा की गई भारी देरी से वायुसेना परेशान है।
उन्होंने कहा, ‘‘समयसीमा एक बड़ा मुद्दा है; यहीं पर ‘वचन’ (प्रतिबद्धता) वाला हिस्सा आता है। एक बार समयसीमा तय हो जाने के बाद.. मुझे लगता है कि एक भी परियोजना समय पर पूरी नहीं हुई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, यह ऐसी चीज है जिसपर हमें गौर करना होगा, हम ऐसा वादा क्यों करें जो पूरा नहीं हो सकता।’’
एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘करार पर हस्ताक्षर करते समय, कभी-कभी, हमें यकीन होता है कि यह पूरा नहीं होने वाला है। लेकिन, हम सिर्फ अनुबंध पर हस्ताक्षर करते हैं और देखते हैं कि उसके बाद क्या किया जा सकता है.. जाहिर है कि तब प्रक्रिया खराब हो जाती है।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि ‘‘यह युद्ध पूरे देश के दृष्टिकोण से जीता गया था’, और रक्षा बलों को सशक्त बनाने के बारे में बात करते समय भी यही दृष्टिकोण जारी रखने की जरूरत है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी समिट को संबोधित किया।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘जैसा कि नौसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा युद्ध का चरित्र बदल रहा है, तो हर दिन हम नई तकनीकें देख रहे हैं, युद्ध में बड़ी संख्या में तकनीकें आ रही हैं।’’
वायुसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा भारत के महत्वाकांक्षी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान- एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए), को डिजाइन करने और उत्पादन करने के लिए ‘निष्पादन मॉडल’ को हाल ही में दी गई मंजूरी के बारे में भी बात की।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘….और, मुझे लगता है कि निजी उद्योग में भी देश को इसी तरह का भरोसा है। और, मुझे यकीन है कि यह भविष्य में आने वाली बड़ी चीजों के लिए हमारा मार्ग प्रशस्त करेगा।’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया की मौजूदा स्थिति ने ‘हमें यह एहसास कराया है कि आत्मनिर्भरता ही एकमात्र समाधान है’।
वायुसेना प्रमुख ने जोर देकर कहा, ‘‘लेकिन, हमें भविष्य के लिए अभी से तैयार रहना होगा।’’
वायुसेना प्रमुख ने सशस्त्र बलों और उद्योग के बीच विश्वास बढ़ाने की वकालत की।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में सात मई की सुबह ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत ही, पाकिस्तान के हमलों के बाद सारी जवाबी कार्रवाई की गई थी।
भाषा सुरेश पवनेश
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