नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) पिछले सप्ताह अहमदाबाद रथयात्रा के दौरान के दौरान उग्र हुए हाथियों को काबू में करने और उनकी मदद के लिए वन्यजीव पुनर्वास केंद्र वनतारा ने अपने पशु चिकित्सकों, वरिष्ठ महावतों और विशेष रूप से सुसज्जित एंबुलेंस को भेजा।
वनतारा के एक बयान के अनुसार, इस घटना में शोभायात्रा में शामिल हाथी घबराए हुए दिखाई दिए, जिसके कारण वहां मौजूद लोगों में अफरा-तफरी और चिंता की स्थिति पैदा हो गई। साथ ही भीड़ भरे माहौल में जानवरों की आवाजाही को लेकर भी चिंताएं पैदा हो गईं।
घटना के बाद राज्य के वन अधिकारियों ने जामनगर स्थित एकीकृत वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र वनतारा से सहायता मांगी।
गुजरात में मुख्य वन संरक्षक डॉ. के. रमेश ने कहा, ‘‘… उनकी टीम ने तेजी से और पेशेवर तरीके से काम किया, हाथियों की स्थिति का आकलन करने और उनके सुरक्षित पुनर्वास के लिए हमारे अधिकारियों और स्थानीय पशु संचालकों के साथ मिलकर काम किया।’’
उन्होंने कहा कि वनतारा की टीम ने प्रभावित हाथियों को तत्काल चिकित्सा देखभाल, सहायता प्रदान की।
उन्होंने कहा कि अब वनतारा के केंद्र में जानवरों की निरंतर देखभाल की जा रही है।
बयान में कहा गया, ‘‘वनतारा ने पशु चिकित्सकों, वरिष्ठ महावतों और विशेष रूप से सुसज्जित हाथी एंबुलेंस की एक आपातकालीन टीम को घटनास्थल पर भेजा।’’
श्री जगन्नाथ मंदिर न्यास समिति के न्यासी महेंद्र झा ने कहा कि हस्तक्षेप की वजह से हाथियों के लिए समय पर चिकित्सा देखभाल और पुनर्वास सुनिश्चित हो सका।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पशु कल्याण के लिए वनतारा के समर्पण की सराहना करते हैं। उनके समय पर हस्तक्षेप ने हाथियों को समय पर देखभाल और पुनर्वास सुनिश्चित किया, जिसकी उन्हें तत्काल आवश्यकता थी।’’
भाषा सुरभि वैभव
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