कोलकाता, एक जुलाई (भाषा) कोलकाता पुलिस ने यहां एक विधि महाविद्यालय में सामूहिक बलात्कार के मामले में पीड़ित छात्रा की पहचान उजागर करने का प्रयास करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मंगलवार को सख्त कानूनी कार्रवाई की चेतावनी जारी की।
पुलिस ने बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने को कानून का गंभीर उल्लंघन बताया।
परामर्श में कहा गया है, ‘‘यह संज्ञान में आया है कि कुछ व्यक्ति गोपनीय दस्तावेजों के प्रसार या अन्य तरीकों से कस्बा मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करने का प्रयास कर रहे हैं। यह कानून का गंभीर उल्लंघन है।’’
कोलकाता पुलिस ने चेतावनी दी कि सीधे या परोक्ष रूप से पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले दस्तावेज, चित्र या सोशल मीडिया सामग्री सहित कोई भी सामग्री साझा करना संबंधित कानूनी प्रावधानों के तहत दंडनीय है।
सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए पुलिस के बयान में कहा गया है, ‘‘ऐसे कृत्यों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ संबंधित प्रावधानों के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लोगों को सख्ती से सलाह दी जाती है कि वे ऐसी कोई भी जानकारी साझा नहीं करें जिससे कि पीड़िता की पहचान उजागर हो।’’
कोलकाता पुलिस ने इस बात पर जोर दिया कि बलात्कार पीड़िता की पहचान की रक्षा करना न केवल कानून के तहत अनिवार्य है, बल्कि एक नैतिक जिम्मेदारी भी है।
बयान में कहा गया है, ‘‘पीड़िता की गरिमा और निजता का सम्मान करना एक कानूनी दायित्व और नैतिक अनिवार्यता है।’’
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि अपराध की जांच जारी है और विधि छात्रा से कथित सामूहिक बलात्कार के मामले में सोमवार को तीन आरोपियों के डीएनए नमूने एकत्र किए गए।
उन्होंने बताया कि तीनों गिरफ्तार आरोपियों – मनोजीत मिश्रा, प्रतिम मुखर्जी और जैद अहमद को सोमवार को कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, जहां फोरेंसिक जांच के लिए उनके ‘बॉडी फ्लूइड’, मूत्र और बाल के नमूने एकत्र किए गए।
इस घटना ने पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या की यादों को ताजा कर दिया। उस समय भी मृतक डॉक्टर की पहचान कई बार उजागर की गई थी।
भाषा सुरभि वैभव
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