शिमला, एक जुलाई (भाषा) हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के उद्देश्य से सभी मेडिकल कॉलेजों को आधुनिक तकनीक से सुसज्जित करने के लिए 1,730 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निवेश से यह सुनिश्चित होगा कि राज्य के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं अपने प्रदेश में ही मिल सकें और इलाज के लिए उन्हें राज्य से बाहर न जाना पड़े।
सुक्खू ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि कांगड़ा जिले के टांडा में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय को आने वाले वर्ष में प्रदेश के बेहतरीन चिकित्सा संस्थानों में तब्दील किया जाए।
उन्होंने सोमवार को टांडा मेडिकल कॉलेज के विभागाध्यक्षों और संकाय सदस्यों के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक में कर्मचारियों की जरूरतों की समीक्षा की गई और आधुनिक चिकित्सा उपकरणों व तकनीकों को लेकर सुझाव लिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैं शिमला स्थित इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (आईजीएमसी) के विभिन्न विभागाध्यक्षों से भी संवाद कर चुका हूं। मैं चाहता हूं कि टांडा मेडिकल कॉलेज में भी चिकित्सा सुविधाएं सुदृढ़ हों और मरीजों को शीघ्र उपचार मिल सके।”
सर्जरी और जांच के लिए प्रतीक्षा अवधि को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि टांडा मेडिकल कॉलेज में नए विभाग खोले जाएंगे और उच्च तकनीकी चिकित्सा उपकरण लगाए जाएंगे ताकि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज की कार्यप्रणाली को सुचारु रखने के लिए पैरामेडिकल कर्मचारी, नर्स, तकनीशियन और अन्य सहायक कर्मियों के पद भरे जाएंगे। इसके अलावा, जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) पाठ्यक्रम की सीटें बढ़ाई जाएंगी और टांडा मेडिकल कॉलेज में बीएससी नर्सिंग पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने ‘एनएएस-2025’ सर्वेक्षण का हवाला देते हुए कहा कि बीते ढाई वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में हुए अहम सुधारों के चलते हिमाचल प्रदेश की रैंकिंग 21वें स्थान से बढ़कर पांचवें स्थान पर पहुंची है।
भाषा राखी मनीषा
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