(तस्वीरों के साथ)
तिरुवनंतपुरम, एक जुलाई (भाषा) भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी रावदा ए. चंद्रशेखर ने मंगलवार सुबह यहां पुलिस मुख्यालय में केरल के पुलिस प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया।
केरल सरकार ने एक दिन पहले ही रावदा को इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया था।
उन्होंने सोमवार को सेवानिवृत्त हुए शेख दरवेश साहब की जगह ली है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया और सुबह करीब सात बजे उन्होंने आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण किया।
एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) एच वेंकटेश ने नए पुलिस प्रमुख को कार्यभार सौंपा, जिन्हें शेख दरवेश साहब ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अस्थायी तौर पर कार्यभार सौंपा था।
पुलिस मुख्यालय में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्होंने परिसर में स्थित स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।
बाद में वह मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन की उपस्थिति में आयोजित समीक्षा बैठक में भाग लेने के लिए उत्तरी केरल के कन्नूर जिले के लिए रवाना हुए।
रावदा ए. चंद्रशेखर 1991 बैच के केरल कैडर के आंध्र प्रदेश के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह केंद्रीय खुफिया ब्यूरो में विशेष निदेशक के पद पर कार्यरत थे।
पदभार ग्रहण करने के बाद रावदा ए. चंद्रशेखर ने अपनी नयी भूमिका को लेकर प्रसन्नता जताई और इस भूमिका से जुड़ी चुनौतियों को भी स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत खुशी का क्षण है और निश्चित रूप से चुनौतीपूर्ण भी। पुलिस का कार्यक्षेत्र बहुत ही परिवर्तनशील है।’
उन्होंने कहा कि वह अपने साथियों के सहयोग से आगे बढ़ेंगे।
पुलिस प्रमुख ने कहा कि राज्य में जारी नशा विरोधी अभियान को और तेज किया जाएगा तथा जागरुकता कार्यक्रमों को मजबूत किया जाएगा।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि मादक पदार्थ से संबंधित अपराधों में लिप्त लोगों, खासकर तस्करों और अन्य लोगों के खिलाफ बेहद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की बुराई एक राष्ट्रव्यापी समस्या है और इसे दूर करने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है।
महिलाओं के खिलाफ अपराध के मुद्दे को पुलिस प्रमुख ने गंभीर बताया और आश्वासन दिया कि मामलों की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हर अपराध एक गंभीर मामला है और दोषी लोगों के खिलाफ त्वरित, सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि केरल पुलिस कानून और व्यवस्था को बहुत कुशलता से संभालती है और इसे प्रभावी ढंग से बनाए रखा जाएगा।
हालांकि, उन्होंने 1994 में कुथुपरम्बा पुलिस गोलीबारी की घटना के संबंध में उन पर लगे हत्या के आरोपों पर सत्तारूढ़ माकपा के भीतर मतभेदों से संबंधित सवालों को टाल दिया। इसमें मार्क्सवादी पार्टी की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के पांच कार्यकर्ता मारे गए थे।
केरल उच्च न्यायालय ने 2012 में चंद्रशेखर सहित पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध लगाए गए हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया था।
कन्नूर के प्रमुख माकपा नेता पी जयराजन ने अप्रत्यक्ष रूप से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह निर्णय प्रशासनिक था, राजनीतिक नहीं।’ हालांकि, पार्टी के राज्य सचिव एमवी गोविंदन ने सरकार के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि चंद्रशेखर की नियुक्ति योग्यता के आधार पर की गई थी।
माकपा के कन्नूर जिला सचिव के के रागेश ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार पूरी तरह से विवेकाधिकार का प्रयोग करते हुए डीजीपी की नियुक्ति नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि नियुक्ति नियमों के अनुसार की गई है और सरकार विभिन्न कारकों की पड़ताल के बाद ही निर्णय लेती है।
इस बीच नए पुलिस प्रमुख के संवाददाता सम्मेलन के दौरान खुद को पत्रकार बताने वाला एक व्यक्ति कुछ कागजात लेकर उनके पास आया और शिकायत दी।
पुलिस प्रमुख ने आश्वासन दिया कि शिकायत की जांच की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि व्यक्ति संवाददाता सम्मेलन स्थल तक कैसे पहुंचा।
भाषा
शुभम पवनेश
पवनेश