कोलकाता, एक जुलाई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (तृकां) के वरिष्ठ नेता मदन मित्रा ने यहां एक विधि महाविद्यालय में कथित सामूहिक बलात्कार की पीड़िता के बारे में अपनी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर पार्टी नेतृत्व से बिना शर्त माफ़ी मांगी है।
उन्होंने मामले पर टिप्पणी करते हुए सवाल किया था कि छात्रा “अकेली” महाविद्यालय क्यों गई थी।
कमरहाटी विधायक मित्रा ने तीन दिन की समय सीमा के भीतर सोमवार देर रात पार्टी के ‘कारण बताओ नोटिस’ का जवाब दिया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि मित्रा ने टिप्पणी के संदर्भ के बारे में भी स्पष्टीकरण दिया।
उन्होंने बताया कि उनका जवाब संक्षिप्त था और दो भागों में था। सूत्रों के अनुसार, ‘‘पहले भाग में अपने उस बयान के लिए औपचारिक और बिना शर्त माफी शामिल है, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया था। दूसरे भाग में अपनी टिप्पणी के पीछे की परिस्थितियों और इरादों को समझाने का प्रयास किया गया है।’’
सूत्रों ने बताया कि पार्टी उनके जवाब की समीक्षा कर रही है और इसके विषय-वस्तु पर विचार के बाद आगे की कार्रवाई पर फैसला करेगी।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब दक्षिण कलकत्ता विधि महाविद्यालय की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि 25 जून को संस्थान के परिसर में उसके साथ बलात्कार किया गया। उसके बाद मित्रा ने टिप्पणी की थी कि अगर महिला अकेले परिसर में नहीं गई होती तो यह घटना टल सकती थी।
उनकी टिप्पणियों की व्यापक रूप से निंदा की गई और उन्हें असंवेदनशील और पीड़िता को दोषी ठहराने वाला बताया गया।
मित्रा ने कहा था, ‘‘अगर लड़की वहां अकेली नहीं गई होती, तो यह घटना नहीं होती। उसे अपने दोस्तों को साथ ले जाना चाहिए था, अपने अभिभावकों को सूचित करना चाहिए था या पार्टी कार्यकर्ताओं को बताना चाहिए था। आरोपी ने स्थिति का फायदा उठाया।’’
उनकी पार्टी ने शनिवार की रात मित्रा की टिप्पणियों से खुद को अलग करते हुए एक बयान जारी किया और इसे उनकी ‘निजी राय’ बताया तथा यह भी स्पष्ट किया कि तृणमूल ऐसे विचारों का समर्थन नहीं करती है।
भाषा अविनाश सुरेश
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