पुरी, एक जुलाई (भाषा) ओडिशा के पुरी में श्री गुंडिचा मंदिर के समीप भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मौत के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी रथ यात्रा से संबंधित शेष अनुष्ठानों के लिए की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा के मसकद से मंगलवार को तीर्थ नगरी पहुंचे।
एक अधिकारी ने यहां बताया कि माझी का तीर्थ नगरी में रथ यात्रा गतिविधियों से जुड़े हितधारकों से मिलने का कार्यक्रम है।
मुख्यमंत्री ने यहां रविवार को हुई भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं से माफी मांगी थी।
माझी अब यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यहां ‘बहुदा यात्रा’ (वापसी रथ यात्रा), ‘सुना बेशा’ (स्वर्ण पोशाक) और ‘नीलाद्रि बिजे’ (देवताओं का मुख्य मंदिर में प्रवेश) जैसे शेष अनुष्ठान सुचारू रूप से पूरे हो जाएं।
मुख्यमंत्री के दौरे से पहले यहां कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने वरिष्ठ सेवकों के साथ लंबी चर्चा की और उनकी शिकायतें सुनीं।
पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर राज्य सरकार के विधि विभाग के अधीन कार्य करता है।
खुंटिया सेवकों के नेता हजारी केसी खुंटिया ने कहा, ‘‘हमने कानून मंत्री के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। सेवकों ने अवगत कराया कि रथ पर चढ़ने की अनुमति न मिलने से उन्हें दुख हुआ है। प्रशासन केवल ड्यूटी पर मौजूद सेवकों को ही रथ पर चढ़ने की अनुमति देता है। हमने मांग की है कि सभी को देवताओं के ‘दर्शन’ के लिए रथ पर चढ़ने की अनुमति दी जानी चाहिए।’’
खुंटिया ने कहा कि सेवकों ने कानून मंत्री को आश्वासन दिया है कि वे परंपरा के अनुसार सभी अनुष्ठान पूरे करेंगे। उन्होंने कहा कि वे शाम को मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे।
यहां एक अधिकारी के अनुसार, अन्य अनुष्ठानों के सफल संचालन सुनिश्चित किए जाने के मकसद से कानून मंत्री समेत माझी का श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) और अन्य के साथ बैठक करने का भी कार्यक्रम है।
भगदड़ के बाद ओडिशा सरकार ने पुरी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) का तबादला कर दिया तथा कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में पुलिस के दो वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
भाषा यासिर सुरेश
सुरेश