ठाणे, एक जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) ने वर्ष 2018 में एक टेम्पो दुर्घटना में जान गंवाने वाले 37 वर्षीय किसान के परिवार को 14.27 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
एमएसीटी सदस्य आर. वी. मोहिते ने 26 जून को दिए गए आदेश में टेम्पो की बीमा कंपनी को निर्देश दिया कि वह पहले मुआवजे की राशि अदा करे और फिर वाहन मालिक से उक्त राशि की वसूली करे क्योंकि बीमा शर्तों का उल्लंघन किया गया था।
हादसा 28 सितंबर 2018 को हुआ था जब किसान मंगेश मितराम मेंगल अपने परिवार के साथ टेम्पो से वासुरी जा रहे थे।
टेम्पो चालक लापरवाही से वाहन चला रहा था और उसने वाडा क्षेत्र में गति अवरोधक की अनदेखी की और फिर तेज रफ्तार टेम्पो में अचानक ब्रेक लगाया। इस झटके से वाहन में रखे गैस सिलेंडर मेंगल पर गिर पड़े, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं और इलाज के दौरान एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। घटना के बाद वाडा थाने में चालक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया।
मुआवजे के दावेदारों में मेंगल की पत्नी, तीन बच्चे और उनके माता-पिता शामिल थे।
उन्होंने पहले 25 लाख रुपये की मांग की थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण दावा एक लाख रुपये तक सीमित कर दिया।
टेम्पो मालिक ने लापरवाही से इनकार करते हुए दावा किया कि सिलेंडर गड्ढों और गति अवरोधक के कारण गिरे थे और पुलिस ने बिना जांच के मामला दर्ज किया।
वहीं बीमा कंपनी ने तर्क दिया कि मृतक टेम्पो में निशुल्क यात्रा कर रहा था, क्योंकि टेम्पो एक मालवाहक वाहन था और उस पर यात्री ले जाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए वह मुआवजे का हकदार नहीं है।
कंपनी ने दावा किया कि टेम्पो मालिक ने बीमा शर्तों का उल्लंघन किया है और चालक के पास वैध लाइसेंस भी नहीं था।
अधिकरण ने निष्कर्ष निकाला कि मेंगल की मृत्यु चालक की लापरवाही और तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण हुई। साथ ही उसने यह भी माना कि टेम्पो एक मालवाहक वाहन था और उस पर अनधिकृत यात्रियों को ले जाना बीमा शर्तों का उल्लंघन है।
अधिकरण ने कुछ अदालती फैसलों का हवाला देते हुए बीमा कंपनी को पहले मुआवजा देने और फिर मालिक से राशि वसूलने का निर्देश दिया।
अधिकरण ने मृतक की आय 10,000 रुपये प्रति माह मानी और 1/4 हिस्सा निजी खर्च मानते हुए पारिवारिक आय 90,000 रुपये वार्षिक तय किया। 36-40 आयु वर्ग के लिए 15 के गुणांक के अनुसार कुल नुकसान 13.50 लाख रुपये आंका गया।
अधिकरण ने बीमा कंपनी और वाहन मालिक दोनों को संयुक्त रूप से प्रतिवादी बनाते हुए नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ मुआवजा राशि अदा करने का आदेश दिया।
आदेश के अनुसार, किसान की पत्नी को 8.57 लाख रुपये, तीनों बच्चों को 1.40 लाख रुपये प्रति व्यक्ति और माता-पिता को 75,000-75,000 रुपये दिए जाएंगे।
भाषा राखी अविनाश
अविनाश