नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) रूस निर्मित ‘गाइडेड’ मिसाइल वाले जंगी जहाज आईएनएस तमाल को रूस के तटीय शहर कलिनिनग्राद में भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया।
उसमें कई बंदूकें, निगरानी प्रणालियां और ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलें लगी हैं।
यह युद्धपोत 125 मीटर लंबा और 3900 टन का है। उसमें भारतीय और रूसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों एवं युद्धपोत निर्माण की सर्वोत्तम प्रथाओं का इस्तेमाल किया गया है।
आईएनएस तमाल पिछले दो दशकों में रूस से शामिल किया जाने वाला आठवां क्रिवाक श्रेणी का जंगी जहाज है।
अधिकारियों ने बताया कि इस युद्धपोत का निर्माण कलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में किया गया है और यह आखिरी ऐसा युद्धपोत है जिसे विदेश से हासिल कर बेड़े में शामिल किया गया है।
आईएनएस तमाल तुशील श्रेणी का दूसरा जहाज है, जो अपने पूर्ववर्ती तलवार और तेग श्रेणी के उन्नत संस्करण हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जहाज की लड़ाकू क्षमता को नेटवर्क केंद्रित युद्ध क्षमताओं और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक युद्ध ‘सूट’ द्वारा बढ़ाया गया है।
तुषिल श्रेणी के लिए व्यापक अनुबंध के हिस्से के रूप में भारत, रूसी पक्ष से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और डिजाइन सहायता के साथ गोवा शिपयार्ड लिमिटेड में आईएनएस त्रिपुट श्रेणी नामक दो समान जंगी जहाजों का निर्माण भी कर रहा है।
तमाल के निर्माण की निगरानी कैलिनिनग्राद में तैनात युद्धपोत निगरानी दल के विशेषज्ञों की एक भारतीय टीम द्वारा की गई।
नौसेना मुख्यालय में, इस परियोजना का संचालन युद्धपोत उत्पादन और अधिग्रहण नियंत्रक के अंतर्गत जहाज उत्पादन निदेशालय द्वारा किया गया।
इस जहाज के शस्त्रागार में अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में महत्वपूर्ण उन्नयन किया गया है, जैसे कि ऊर्ध्वाधर रूप से प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, उन्नत 100 एमएम तोप, भारी वजन वाले टारपीडो, तत्काल हमला करने वाले पनडुब्बी रोधी रॉकेट तथा अनेक निगरानी और अग्नि नियंत्रण रडार और प्रणालियां।
भाषा राजकुमार सुरेश
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