बर्मिंघम, एक जुलाई (भाषा) इंग्लैंड के खिलाफ दूसरा टेस्ट मैच शुरू होने में अब जबकि 24 घंटे से भी कम समय बचा है तब भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि टीम प्रबंधन ने अभी तक ऐसा संयोजन तय नहीं किया है जो यहां की परिस्थितियों में 20 विकेट ले सके और जिसकी बल्लेबाजी में भी गहराई हो।
गिल ने इसके साथ ही कहा कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह चयन के लिए उपलब्ध हैं लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह दूसरे टेस्ट मैच में खेलेंगे या नहीं।
गिल ने दूसरे टेस्ट की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘बुमराह भाई निश्चित रूप से उपलब्ध हैं। हम सही संयोजन खोजने की कोशिश कर रहे हैं, जहां हम 20 विकेट ले सकें और इस तरह के विकेटों पर रन भी बना सकें। हम आज विकेट को देखने के बाद अंतिम संयोजन पर फैसला करेंगे। हमारी प्राथमिकता 20 विकेट लेना है और हम उसी के अनुसार संयोजन तैयार करेंगे।’
भारत को लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट मैच के पांचवें दिन दूसरे स्पिनर की कमी खली और ऐसा लगता है कि टीम प्रबंधन ने रविंद्र जडेजा के साथ वाशिंगटन सुंदर या कुलदीप यादव को अंतिम एकादश में शामिल करने का मन बना लिया है।
गिल ने कहा, ‘‘यहां दो स्पिनरों को खिलाना आम बात नहीं है, लेकिन यहां मौसम भी सामान्य नहीं रहा। पर्याप्त बारिश नहीं हुई। पिछले मैच में भी हमें लगा कि अगर चौथी पारी में हमारे पास एक अतिरिक्त स्पिनर होता तो हम बेहतर स्थिति में हो सकते थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि तेज गेंदबाजों की तुलना में स्पिनरों के लिए रन रोकना आसान है, खासकर तब जब गेंद पुरानी हो। इन परिस्थितियों में गेंद 30-40 ओवर के बाद उतनी स्विंग नहीं करती है।‘‘
गिल ने कहा, ‘‘अगर तेज गेंदबाज अधिक मौके नहीं बना पाते हैं, तो हमें लगता है कि इस तरह के विकेटों पर दूसरा स्पिनर कम से कम तब तक रन रोक सकता है, जब तक कि दूसरी नई गेंद नहीं ली जाती।‘‘
भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज पहले टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और ऐसे में गिल को बल्लेबाजी और गेंदबाजी की गहराई के बीच अच्छा संतुलन बनाए रखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, ‘‘आदर्श रूप से, आप अपनी बल्लेबाजी की गहराई सातवें नंबर तक रखना चाहेंगे या फिर आप आठवें नंबर तक जा सकते हैं। लेकिन अगर आप नौवें नंबर तक जा रहे हैं, तो मुझे लगता है कि इस तरह के विकेटों पर 20 विकेट लेना मुश्किल हो जाएगा।’’
कप्तान के रूप में अपने पहले टेस्ट में गिल को बल्ले और क्षेत्ररक्षण में काफी कुछ सीखने को मिला।
उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारे सबक मिले। जैसे जब हम बल्लेबाजी कर रहे थे, तो मुझे लगा कि मैं और बेहतर बल्लेबाजी कर सकता था, अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं, तो जिस तरह का शॉट मैंने खेला, मुझे लगता है कि मैं थोड़ी और बल्लेबाजी कर सकता था। जब हम गेंदबाजी कर रहे थे, तो हमने सीखा कि एक बार गेंद पुरानी हो जाए और नरम हो जाए, तो ज्यादा कुछ नहीं हो सकता।’’
भाषा
पंत आनन्द
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