नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जहाज अल करामा का प्रतिनिधित्व करने वाले एजेंटों से पांच लाख रुपये की कथित रिश्वत लेने के आरोप में एक बंदरगाह पायलट समेत मुंबई बंदरगाह प्राधिकरण के तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि पायलट के रूप में कार्यरत कैप्टन अभिषेक सिंह पाल को छह अप्रैल, 2023 को बंदरगाह में एक लंगर बिंदु पर अल करामा को पुन: तैनात करने का काम सौंपा गया था।
रात में काम पूरा करने के बाद, जहाज से उतरते समय पाल के टखने में चोट लग गई। वह डॉक मास्टर कंट्रोल स्टेशन गया, जहां वह सुबह तक रहा।
जहाज के सात अप्रैल को शाम 4:30 बजे तक रवाना होने की घोषणा कर दी गई थी। हालांकि, ड्यूटी के दौरान चोट लगने का दावा करने वाले कैप्टन पाल से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) नहीं मिल पाने के कारण कथित तौर पर नौकायन की मंजूरी रोक दी गई थी।
आरोप है कि कैप्टन पाल ने आवश्यक मंजूरी देने के लिए जहाज के शिपिंग एजेंट महालक्ष्मी शिपिंग से 6,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 5 लाख रुपये) की रिश्वत मांगी थी। बाद में उसी शाम, जहाज से जुड़ी बेन लाइन एजेंसी ने पाल की एक रिश्तेदार के बैंक खाते में कथित तौर पर पांच लाख रुपये का भुगतान किया।
सीबीआई ने प्राधिकरण के समुद्री विभाग के ‘डॉक मास्टर’ कैप्टन संजय कंधवे और कैप्टन उमेश ओक को भी आरोपी बनाया है, जिन पर कैप्टन पाल के साथ कथित रूप से मिलीभगत करके आधिकारिक प्रोटोकॉल को दरकिनार करने और गैरकानूनी मांग में मदद करने का आरोप है।
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जोहेब नरेश
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