मुंबई, एक जुलाई (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सच्ची धर्मनिरपेक्षता सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करने में निहित है और हिंदुत्व किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि किसी व्यक्ति का महत्व उसकी जाति, धर्म या लिंग से नहीं, बल्कि उसके मूल्यों व चरित्र से निर्धारित होता है।
गडकरी ने यहां एक समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं से समाज सुधारकों ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज और डॉ बी. आर. आंबेडकर के सामाजिक-आर्थिक समानता के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
इस समारोह में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण को सर्वसम्मति से भाजपा की महाराष्ट्र इकाई का नया अध्यक्ष चुना गया।
उन्होंने कहा, ‘हिंदुत्व किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। सच्ची धर्मनिरपेक्षता सभी धर्मों के साथ समान व्यवहार करने में निहित है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें समाज से अस्पृश्यता और जातिवाद को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में काम करना चाहिए। फुले, शाहू महाराज और डॉ. आंबेडकर द्वारा निर्धारित सामाजिक व आर्थिक समानता के लक्ष्य केवल बयानबाजी तक सीमित नहीं रहने चाहिए। हमें उन्हें कार्रवाई के माध्यम से प्रदर्शित करना चाहिए।’
उन्होंने भाजपा को विनम्र कार्यकर्ताओं की पार्टी बताया।
उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, उनका भविष्य केवल इसी पार्टी में है।’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने सामाजिक सद्भाव बनाए रखने और सुशासन के महत्व पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा, ‘हमें राजनीतिक शक्ति का उपयोग केवल चुनाव जीतने के लिए नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए करना चाहिए। राष्ट्रीय प्रगति के लिए सामाजिक प्रगति आवश्यक है।’
वहीं, त्रिभाषा विवाद पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे का नाम लिए बिना कहा, ‘‘हम वे लोग नहीं हैं जो बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजते हुए हिंदी का विरोध करते हैं। अगर आप बॉम्बे स्कॉटिश (मुंबई के स्कूल) में पढ़ते हैं और फिर हिंदी पर सवाल उठाते हैं, तो यह अस्वीकार्य है।’’
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