वाशिंगटन, दो जुलाई (भाषा) चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह ‘क्वाड’ ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की साजिश रचने वालों, उसे अंजाम देने वालों और इसके वित्त पोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान किया तथा संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से इस संबंध में सहयोग बढ़ाने की अपील की।
चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के सदस्य देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान के विदेश मंत्रियों ने 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे।
हालांकि, संयुक्त बयान में मंत्रियों ने पाकिस्तान का या मई में भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिन तक चले सैन्य संघर्ष का जिक्र नहीं किया।
अमेरिका की राजधानी में मंगलवार को हुई बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापान में उनके समकक्ष ताकेशी इवाया शामिल हुए।
‘क्वाड’ देशों के विदेश मंत्रियों ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की ‘‘कड़े से कड़े शब्दों में’’ निंदा की, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
विदेश मंत्रियों ने कहा, ‘‘हम मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और सभी घायलों के शीघ्र एवं पूरी तरह से स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, इसे अंजाम देने वालों और वित्तपोषकों को बिना किसी देरी के न्याय के कठघरे में लाने का आह्वान करते हैं और संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह करते हैं कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के अनुसार इस संबंध में सभी संबंधित प्राधिकारों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करें।’’
‘क्वाड’ की बैठक में इस साल मुंबई में ‘‘भविष्य के क्वाड बंदरगाह’’ साझेदारी शुरू करने की योजना की भी घोषणा की गई।
मंत्रियों ने कहा कि वे पूर्वी चीन सागर और दक्षिण चीन सागर की स्थिति को लेकर गंभीरता से चिंतित हैं।
उन्होंने चीनी सैन्य कार्रवाइयों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध दोहराते हैं जिसमें बलपूर्वक या जबरन यथास्थिति को बदलने की कोशिश की जा रही हो।’’
भाषा सुरभि वैभव
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