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Thursday, July 3, 2025

“अमेरिका ने भारत को लंबित रक्षा सौदों को जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया, हिंद-प्रशांत में सुरक्षा सहयोग पर जोर”

Fast News"अमेरिका ने भारत को लंबित रक्षा सौदों को जल्द पूरा करने का भरोसा दिलाया, हिंद-प्रशांत में सुरक्षा सहयोग पर जोर"

(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क/वाशिंगटन, दो जुलाई (भाषा) अमेरिका ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को लेकर वॉशिंगटन और नयी दिल्ली के ‘‘परस्पर जागरूक’’ होने पर जोर देते हुए कहा है कि वह भारत को की जा जाने वाली लंबित प्रमुख रक्षा बिक्री की प्रक्रिया जल्द पूरी कर लेगा।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को पेंटागन (अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय) में अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने और आपसी हितों, क्षमताओं एवं जिम्मेदारियों को लेकर सार्थक वार्ता की।

रक्षा विभाग (डीओडी) के समाचार लेख के अनुसार, हेगसेथ ने कहा कि अमेरिका और भारत ‘‘क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को लेकर परस्पर जागरूक हैं और दोनों देशों में उस खतरे का मिलकर मुकाबला करने की क्षमता है।’’

डीओडी समाचार में बताया गया कि हेगसेथ ने भारत को हिंद प्रशांत क्षेत्र में खतरों का मुकाबला करने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करने के अमेरिकी प्रयासों पर भी बात की।

लेख के अनुसार, हेगसेथ ने कहा, ‘‘भारत के शस्त्रागार में कई अमेरिकी रक्षा उत्पादों के सफल एकीकरण से अमेरिका बहुत प्रसन्न है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रगति के आधार पर हम आशा करते हैं कि हम भारत को कई प्रमुख लंबित अमेरिकी रक्षा बिक्री पूरी कर सकेंगे, अपने साझा रक्षा औद्योगिक सहयोग और सह-उत्पादन प्रयासों का विस्तार कर सकेंगे, अपनी सेनाओं के बीच संयुक्त अभियानों को मजबूत कर सकेंगे और फिर अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदारी के लिए एक नए 10-वर्षीय ढांचे पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर सकेंगे… हमें आशा है कि हम बहुत जल्द ही ऐसा कर लेंगे।’’

जयशंकर ने अपने वक्तव्य में कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि हमारी रक्षा साझेदारी आज वास्तव में रिश्ते के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। यह केवल साझा हितों पर आधारित नहीं है बल्कि हमारा मानना है कि क्षमताओं, जिम्मेदारियों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्यों को लेकर बढ़ती साझेदारी इसकी रणनीतिक स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।’’

जयशंकर ने कहा कि विश्व एक जटिल स्थान है, ‘‘इसकी जटिलता शायद बढ़ती जा रही है, ऐसे में हमारी साझेदारी और हम साथ मिलकर जो योगदान कर सकते हैं, वह न केवल हमारे लिए बल्कि व्यापक क्षेत्र के लिए, मैं तो यहां तक ​​कहूंगा कि विश्व के लिए भी निश्चित रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।’’

हेगसेथ ने कहा कि ‘‘प्रशासन की शुरुआत में ही (अमेरिका के) राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप और प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी ने हमारे रिश्ते की एक मजबूत नींव रखी, जिसे हम आज यहां सुदृढ़ कर रहे है और जो सार्थक, व्यावहारिक और यथार्थवादी है।’’

हेगसेथ ने कहा, ‘‘मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत के लिए साझा प्रतिबद्धता से प्रेरित हमारे देशों के बढ़ते सहयोग का समृद्ध इतिहास हैं।’’

डीओडी के अनुसार, हेगसेथ और जयशंकर ने अगले भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र शिखर सम्मेलन में भागीदारी पर चर्चा की, जहां दोनों देश अमेरिका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग को मजबूत करना और प्रौद्योगिकी एवं विनिर्माण में नवोन्मेष को बढ़ावा देना जारी रखेंगे।

हेगसेथ ने कहा, ‘‘हम अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं।’’

भाषा सिम्मी मनीषा

मनीषा

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