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Thursday, September 4, 2025

विवाद पैदा होने के बाद मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा उपकरण भेजे गए : सरकारी चिकित्सक

Newsविवाद पैदा होने के बाद मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा उपकरण भेजे गए : सरकारी चिकित्सक

तिरुवनंतपुरम, दो जुलाई (भाषा) तिरुवनंतपुरम के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शल्य चिकित्सा उपकरणों की कमी और सर्जरी में देरी का हाल में दावा करने वाले एक वरिष्ठ सरकारी चिकित्सक ने बुधवार को कहा कि उनके द्वारा इन मुद्दों को सार्वजनिक रूप से उजागर करने के बाद इनका त्वरित समाधान किया गया।

तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉ. हारिस चिरक्कल ने यह भी सवाल उठाया कि क्या विवाद पैदा करना ही ऐसे मुद्दों को सुलझाने का एकमात्र तरीका है।

उन्होंने हाल में फेसबुक पर एक पोस्ट में कहा था कि आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की कमी के कारण सर्जरी टल रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया था कि अधिकारियों द्वारा बार-बार दिए गए आश्वासन के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है, जिससे मरीजों को समय पर उपचार न मिलने के कारण गंभीर पीड़ा से गुजरना पड़ रहा है।

बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि एक उपकरण से संबंधित फाइल करीब दो महीने से कलेक्ट्रेट में लंबित थी, लेकिन उनके फेसबुक पोस्ट के बाद इस पर तेजी से काम हुआ।

उन्होंने बताया कि उनके खुलासे के सिलसिले में चल रही जांच के बीच अस्पताल में एक और उपकरण पहुंचा दिया गया है।

डॉ. चिरक्कल ने पूछा, ‘‘जब मैंने यह मुद्दा उठाया तो ये इतनी जल्दी कैसे हल हो गए? महीनों तक देरी होने के बाद ये चीजें इतनी तेजी से कैसे आगे बढ़ीं? तो, चीजें तभी हल होंगी जब कोई मुद्दा बनाया जाएगा?’’

साथ ही, उन्होंने स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बात सही है कि इस तरह के खुलासे को गलत तरीके से उजागर करने पर अनजाने में बड़े पैमाने पर छवि खराब हो सकती है।

विजयन ने कन्नूर में एक कार्यक्रम में एक दिन पहले कहा था, ‘‘वह (चिरक्कल) एक ईमानदार सरकारी कर्मचारी हैं, भ्रष्टाचार से मुक्त हैं और अपने कर्तव्य के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, अब वह अनजाने में भारत में सबसे अच्छी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को गलत तरीके से पेश करने का कारण बन गए हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि उनका इरादा ऐसा था या नहीं। फिर भी, यह घटना हम सभी के लिए एक सबक होनी चाहिए।’’

डॉ. चिरक्कल ने कहा कि मुख्यमंत्री की टिप्पणियों के बावजूद वह उनका काफी सम्मान करते हैं।

इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मुखपत्र ‘देशाभिमानी’ के संपादकीय में कहा गया कि चिकित्सक ने जो कहा, उससे काफी गलतफहमी पैदा हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत हस्तक्षेप किया और मामले को सुलझा लिया।

इसमें कहा गया है कि इस स्थिति के कारणों की जांच करने तथा भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने से रोकने के लिए कदम सुझाने हेतु एक समिति गठित की गई है।

संपादकीय में आरोप लगाया गया है कि विपक्ष यह खबर फैलाकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है कि राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में समस्याएं हैं।

भाषा गोला वैभव

वैभव

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