29.7 C
Jaipur
Saturday, July 5, 2025

ईएसआईसी की नियोक्ता, कर्मचारी पंजीकरण योजना शुरू, दिसंबर तक लागू

Newsईएसआईसी की नियोक्ता, कर्मचारी पंजीकरण योजना शुरू, दिसंबर तक लागू

नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) ने अपना सामाजिक सुरक्षा दायरा बढ़ाने के लिए नियोक्ता एवं कर्मचारियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने की योजना (एसपीआरईई)-2025 शुरू की है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई है।

श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में 27 जून को शिमला में हुई ईएसआईसी की 196वीं बैठक में एसपीआरईई योजना-2025 को मंजूरी दी गई थी।

यह योजना एक जुलाई से 31 दिसंबर, 2025 तक सक्रिय रहेगी। इस दौरान अपंजीकृत नियोक्ताओं और कर्मचारियों (संविदा और अस्थायी कर्मचारी समेत) को निरीक्षण या पिछले बकाये की मांग का सामना किए बगैर ही नामांकन करने का एक बार मौका दिया जाएगा।

नियोक्ता ईएसआईसी पोर्टल, श्रम सुविधा और एमसीए पोर्टल के जरिये अपनी इकाइयों और कर्मचारियों को डिजिटल रूप से पंजीकृत कर सकते हैं।

पंजीकरण नियोक्ता द्वारा घोषित तिथि से वैध माना जाएगा। पंजीकरण से पहले की अवधि के लिए कोई योगदान या लाभ लागू नहीं होगा।

पंजीकरण के पहले की अवधि के लिए नियोक्ता से कोई निरीक्षण या पिछले रिकॉर्ड की मांग नहीं की जाएगी।

यह योजना पिछली तारीख से दंडात्मक प्रावधान होने का भय दूर करके और पंजीकरण प्रक्रिया को सुगम बनाकर स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करती है।

इस योजना के आने से पहले, निर्दिष्ट समयसीमा के भीतर पंजीकरण न कराने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती थी और पिछली तिथि से बकाया राशि की मांग भी की जा सकती थी।

एसपीआरईई-2025 योजना इन सभी बाधाओं को दूर करती है। इसका उद्देश्य पंजीकरण से बचे हुए प्रतिष्ठानों और श्रमिकों को कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) के दायरे में लाना और व्यापक सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाकर और पिछली देनदारियों से छूट देकर यह योजना नियोक्ताओं को अपना कार्यबल नियमित करने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि अधिक से अधिक श्रमिकों, खासकर संविदा क्षेत्रों में काम करने वालों, की ईएसआई अधिनियम के तहत आवश्यक स्वास्थ्य और सामाजिक लाभ तक पहुंच हो।

यह योजना मूल रूप से 2016 में शुरू की गई थी जिसके तहत 88,000 से अधिक नियोक्ताओं और 1.02 करोड़ कर्मचारियों के पंजीकरण हुए थे।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles