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Thursday, July 3, 2025

क्रेडिट सूचना कंपनियां वास्तविक समय पर आंकड़े मुहैया कराएंः आरबीआई डिप्टी गवर्नर

Newsक्रेडिट सूचना कंपनियां वास्तविक समय पर आंकड़े मुहैया कराएंः आरबीआई डिप्टी गवर्नर

मुंबई, दो जुलाई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने ट्रांसयूनियन सिबिल जैसी क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) से पाक्षिक के बजाय वास्तविक समय पर आंकड़े देने के लिए कहा है।

राव ने मंगलवार को यहां सिबिल के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीआईसी द्वारा डेटा को तेजी से भेजने से सभी के लिए प्रणाली में विश्वास, दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

आरबीआई ने बुधवार को राव का यह संबोधन अपनी वेबसाइट पर जारी किया।

राव ने कहा, ‘‘हमें क्रेडिट सूचना के बारे में अधिक और लगातार जानकारी की उम्मीद करनी चाहिए। वास्तविक समय या लगभग वास्तविक समय पर क्रेडिट सूचना मिलने से जोखिम आकलन की परिशुद्धता बढ़ेगी, ऋण खाते को बंद करने या पुनर्भुगतान जैसी उधारकर्ता गतिविधियों को दर्शाने में मदद मिलेगी और उपभोक्ता का अनुभव भी बेहतर होगा।’’

इस अवसर पर राव ने यह माना कि प्रौद्योगिकी, प्रक्रिया पुनर्रचना और परिवर्तन प्रबंधन में निवेश होने से इसमें लागत आएगी लेकिन यह राशि उससे होने वाले फायदों से कहीं कम होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘एक अन्य प्रमुख चुनौती पहचान मानकीकरण की है। सीआईसी सटीक और मान्य पहचान देने के लिए क्रेडिट संस्थानों पर निर्भर है। इसके बिना दोहराव और गलत रिपोर्टिंग का जोखिम बना रहता है।’’

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने जटिल कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल के इस्तेमाल से मॉडल संबंधी जोखिम को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि इनका पूरी तरह परीक्षण, सत्यापन या पूर्वाग्रहों और प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव के लिए निगरानी नहीं होने से समस्या होती है।

राव ने कहा, ‘‘इन मॉडल को निष्पक्ष, पारदर्शी और नियामकीय एवं नैतिक मानकों के अनुरूप बनाए रखने के लिए कठोर सत्यापन प्रावधान, निरंतर निगरानी और मजबूत शासन ढांचा आवश्यक है।’’

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

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