नयी दिल्ली, दो जुलाई (भाषा) डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) ने कथित रूप से आवाजाही में बाधा और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से संबंधित 11 अप्रैल की घटना से जुड़ी अनुशासनात्मक जांच का हवाला देते हुए पांच छात्रों के निलंबन की अवधि बढ़ा दी है।
इस कदम की स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने कड़ी आलोचना की है, जिसने इस कदम को मनमाना बताया है। उसने कहा कि इसका उद्देश्य छात्र आंदोलन को दबाना है।
विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव (संपदा) द्वारा कश्मीरी गेट थाने में 29 अप्रैल को दर्ज कराई गई प्राथमिकी में छात्रों पर ‘मुख्य द्वार पर ताला लगाकर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, कुलपति और कुलसचिव की आवाजाही को अनधिकृत रूप से रोकने’ का आरोप लगाया गया है। इसमें एसएफआई से जुड़े पांच विद्यार्थियों का नाम है।
विश्वविद्यालय ने बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि छात्रों की शैक्षणिक क्षति को रोकने के लिए उन्हें शीतकालीन सेमेस्टर 2025 की परीक्षाओं में बैठने की सशर्त अनुमति दी गई थी, लेकिन अब निलंबन को मौजूदा जांच के परिणाम आने तक बढ़ा दिया गया है।
वाम समर्थित छात्र संगठन ने निलंबन को अपने सदस्यों को ‘चुनिंदा रूप से निशाना’ बनाने तथा छात्र आंदोलन को दबाने का प्रयास बताया है।
एसएफआई ने एक बयान में कहा, ‘प्रशासन दो महीने से अधिक समय से जांच प्रक्रिया पूरी करने में विफल रहा है। छात्रों को बिना उचित प्रक्रिया के निलंबित रखा गया है।’
भाषा नोमान पवनेश
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