मुंबई, दो जुलाई (भाषा) बीमा की पहुंच में गिरावट से जूझ रही जीवन बीमा कंपनियों ने बुधवार को तीन साल के मल्टीमीडिया जागरूकता अभियान पर कम से कम 450 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रतिबद्धता जताई है।
बीमा जागरूकता समिति ने ‘सबसे पहले जीवन बीमा’ थीम के साथ अभियान शुरू किया, जिसमें सभी जीवन बीमा कंपनियां अपनी प्रीमियम आय के आधार पर योगदान देंगी।
परिषद के चेयरमैन कमलेश राव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम हर साल कम से कम 150-160 करोड़ रुपये खर्च करेंगे, और हमने कम से कम तीन साल तक अभियान चलाने की प्रतिबद्धता जताई है।’’
यह ध्यान देने योग्य है कि पिछले कुछ वर्षों में बीमा की पहुंच में कमी आई है, और कंपनियों द्वारा एकत्र किया गया कुल प्रीमियम 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद का 3.2 प्रतिशत रहा, जबकि 2022-23 में यह चार प्रतिशत और 2023-24 में 3.7 प्रतिशत था।
भारत अभी भी पैठ के दृष्टिकोण से दुनिया का 10वां सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन नियामक इरडा के सदस्य (जीवन) स्वामीनाथन अय्यर ने कहा कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है।
कार्यक्रम को संबाधित करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में 140 करोड़ लोगों में से केवल 36 करोड़ लोगों के पास ही बीमा है। उन्होंने कहा कि बड़े शहरों में आने-जाने से लोगों को वित्तीय कमज़ोरियों का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण बीमा आवश्यक हो जाता है।
परिषद द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि लोग जागरूक हैं और उन्होंने बीमा ले लिया है, लेकिन यह उनके लिए अपर्याप्त साबित हो सकता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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