(तस्वीरों के साथ जारी)
जम्मू, तीन जुलाई (भाषा) दक्षिण कश्मीर हिमालय स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर जाने के लिए 5,200 से अधिक तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था कड़ी सुरक्षा के बीच बृहस्पतिवार को जम्मू आधार शिविर से रवाना हुआ।
दक्षिण कश्मीर में 3,880मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिवसीय तीर्थयात्रा बृहस्पतिवार तड़के घाटी से दो मार्गों- अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग, से शुरू हुई। यात्रा नौ अगस्त को समाप्त होगी।
उन्होंने बताया कि तीर्थयात्री पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की सुरक्षा के बीच 168 वाहनों के काफिले में भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुए।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही जम्मू आधार शिविर से मंदिर के लिए रवाना हुए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़कर 11,138 तक पहुंच गई है।
तीर्थयात्रियों के दूसरे जत्थे में 4,074 पुरुष, 786 महिलाएं और 19 बच्चे शामिल हैं।
मंदिर जा रहे तीर्थयात्रियों के एक समूह ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले से वे डरे नहीं हैं। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे।
श्रद्धालुओं के 37 सदस्यीय समूह में शामिल रायपुर निवासी हरीश कुमार ने कहा, ‘‘हम आतंकवादियों या पाकिस्तान से नहीं डरते, जिसने निर्दोष एवं निहत्थे पर्यटकों पर हमले कराए हैं। यह कायरतापूर्ण कृत्य है। वे पहलगाम जैसी आतंकवादी घटनाओं के जरिए भय पैदा करके हमें बाबा बर्फानी के दर्शन करने से नहीं रोक सकते।’’
कानपुर से 20 लोगों के समूह के साथ अमरनाथ रवाना हुए एक अन्य तीर्थयात्री मुख्तार सिंह ने कहा कि वह कतई भयभीत नहीं हैं
उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या आतंकवादियों और पाकिस्तान को यह करारा जवाब देगी कि हम उनसे नहीं डरते।’’
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर आधार शिविर से वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को बुधवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए भगवती नगर आधार शिविर में और उसके आसपास बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
जम्मू में 34 आवास केंद्र बनाए गए हैं और तीर्थयात्रियों को ‘रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन’ ((रेडियो आवृत्ति पहचान या आरएफआईडी) टैग जारी किए जा रहे हैं।
यात्रा करने के इच्छुक तीर्थयात्रियों के मौके पर पंजीकरण के लिए 12 काउंटर स्थापित किए गए हैं। अब तक 3.5 लाख से अधिक लोगों ने तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है।
भाषा सिम्मी मनीषा
मनीषा