तिरुवनंतपुरम, तीन जुलाई (भाषा) उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदू ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केरल विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनन कुन्नुम्मल ने रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार को निलंबित कर अपने अधिकार का दुरुपयोग किया है।
रजिस्ट्रार ने 25 जून को सीनेट हॉल में राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर की मौजूदगी वाले कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी थी, जिसके बाद कुलपति ने यह कार्रवाई की थी।
बिंदू ने संवाददाताओं से कहा, “अनिल कुमार अपने पद पर बने रह सकते हैं, क्योंकि रजिस्ट्रार के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार केवल विश्वविद्यालय प्रशासन को है।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि कुलपति ने रजिस्ट्रार को निलंबित कर अपने अधिकारों की सीमा लांघ दी है।
मंत्री ने कहा कि रजिस्ट्रार ने कार्यक्रम स्थल पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले धार्मिक प्रतीक ‘भारत माता’ की तस्वीर प्रदर्शित करने को लेकर कार्यक्रम रद्द कर किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया। बिंदू ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार द्वारा रद्द किए गए कार्यक्रम में भाग लेकर नियमों का उल्लंघन किया।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल संघ के प्रतीक को राजभवन में भी स्थापित करने की भी कोशिश कर रहे थे।
राज्य के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी कुलपति की कड़ी आलोचना की और उन पर राज्यपाल के ‘गुंडे की तरह काम करने’ का आरोप लगाया।
शिवनकुट्टी ने कहा, “रजिस्ट्रार ने नहीं बल्कि राज्यपाल ने रद्द किए गए कार्यक्रम में भाग लेकर विश्वविद्यालय के नियमों का अनादर किया।”
उन्होंने कहा कि संविधान के तहत राज्यपाल की शक्तियां सीमित हैं।
सामान्य शिक्षा मंत्री ने कहा कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने भी सुझाव दिया था कि राज्यपालों को अपने अधिकार की हदें नहीं पार नहीं करनी चाहिए।
मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र के साथ तालमेल न बिठा पाने वाली सरकारों को चुनौती देने के लिए राज्यपालों का इस्तेमाल करने की प्रथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के बाद एक परंपरा बन गई है।
भाषा जितेंद्र मनीषा
मनीषा